कथा सुनने से दूर होते हैं सभी प्रकार के कष्ट
सेमरा बनकसिया स्थित माता कामेश्वरी देवी मंदिर पर चल रहे संगीतमयी श्रीराम कथा के प्रथम दिवस अयोध्या से पधारे कथा वाचक पंडित बृजेश जी महराज ने महर्षि बाल्मीकि के जीवन चरित्र की कथा का रसपान कराया। कहा कि कथा सुनने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
सिद्धार्थनगर : सेमरा बनकसिया स्थित माता कामेश्वरी देवी मंदिर पर चल रहे संगीतमयी श्रीराम कथा के प्रथम दिवस अयोध्या से पधारे कथा वाचक पंडित बृजेश जी महराज ने महर्षि बाल्मीकि के जीवन चरित्र की कथा का रसपान कराया। कहा कि कथा सुनने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
कहा कि रत्नाकर एक प्रसिद्ध डाकू था जो रास्ते से गुजरने वाले लोगों से लूट पाट करता था तथा जो विरोध करता उसे मार देता था। एक बार देव ऋषि नारद जी उसी मार्ग से जा रहे थे जिसे देख रत्नाकर ने उन्हें जो कुछ पास है देने को कहा। नारद जी ने कहा मैं एक महात्मा हूं। मेरे पास कुछ नहीं है, पर यह पाप तुम क्यों करते हो, उसने जवाब दिया अपने परिवार के लिए। फिर नारद जी ने कहा इस पाप को कौन कौन आपके साथ भुगतेगा तो उसने निरुत्तर हो कर कहा मैं अपने परिवार से पूछ कर आता हूं। जब वह घर गया तो सभी ने कहा जो पाप आप कर रहे हो उसका फल आपको भुगतना है।लौट कर फिर से जंगल में आया और नारद जी के चरणों में गिर कर क्षमा मांगी। तथा सत्य मार्ग पर चल कर भगवान की प्राप्ती के लिए मार्ग पूछा तो नारद जी ने उसे दीक्षा देकर राम नाम का जाप करने को कहा। कथा के दौरान आयोजन जनकल्याण समिति के सचिव सच्चिदानन्द मिश्रा, हरिश्चंद्र शुक्ला, अमित शुक्ला, बृजनंदन शुक्ला, दयाराम, राप्ती प्रसाद, लवकुश पाण्डेय, मथुरा प्रसाद, नित्या शंकर पाण्डेय, शंकर विश्वकर्मा, लव तिवारी, मुकेश आदि उपस्थित रहे।