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11 वर्ष में ही पुल गिनने लगा अंतिम सांस

विकास क्षेत्र खेसरहा के बुद्धा नदी पर बना पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका हैं। जिसके सहारे क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग प्रति दिन यात्रा करते हैं। विभागीय उदासीनता के चलते कभी कोई हादसा न हो जाए ग्रामीण हर वक्त आशंकित रहते हैं ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:39 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:39 PM (IST)
11 वर्ष में ही पुल गिनने लगा अंतिम सांस
11 वर्ष में ही पुल गिनने लगा अंतिम सांस

सिद्धार्थनगर : विकास क्षेत्र खेसरहा के बुद्धा नदी पर बना पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका हैं। जिसके सहारे क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग प्रति दिन यात्रा करते हैं। विभागीय उदासीनता के चलते कभी कोई हादसा न हो जाए ग्रामीण हर वक्त आशंकित रहते हैं ।

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कुर्थिया चौराहे से होकर मुड़कटवा बाबा शिव मंदिर के बगल से निकले संपर्क मार्ग पर बुद्धा नदी के ऊपर वर्ष -2007-08 में इस पुल का निर्माण किया गया । क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों नें मानक के अनुसार कार्य न कराएं जाने पर आपत्ति भी जताई थी । बावजूद ठेकेदार मनमानी पूर्ण कार्य को करा दिया । रे¨लग से लेकर पिलर तक पुल के जर्जर हो गए हैं। गुजरते हुए राहगीर काफी डरे रहते हैं । प्रधान भलुहा सदावृक्ष का कहना हैं कि इस पुल से होकर खेसरहा व सेखुई जाने के लिए करीब चार किमी. की दूरी कम तय करनी पड़ती है। प्रधान पूरनजोत घनश्याम लोधी ने बताया कि यहां पूर्वजों के समय से ही मुड़कटवा बाबा का शिव मन्दिर स्थित है । प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के दिन भव्य मेले का आयोजन होता है। इसी पुल से श्रद्धालुओं की भीड़ गुजरती है । बनकेगांव, भलुहा, कुर्थिया, सेखुई, खदरगढ्ढी, सहित दर्जनों गांव के लोग आते हैं । क्षेत्र के अजय यादव, राम सूरज चौधरी, हरीश चौधरी, अजय पाल, फूल कुमार आदि लोगों ने पुल की मरम्मत कराए जाने की मांग की है ।


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