बिना पंजीयन चल रहे निजी नर्सिंग होम
किसी भी अस्पताल में नहीं लगा ग्लोशाइन बोर्ड
सिद्धार्थनगर: कोरोना संक्रमण के चलते सरकारी अस्पताल जहां जांच व रिपोर्ट बनाने में मशगूल हैं, वहीं गैर पंजीकृत निजी अस्पताल मरीजों के इलाज के नाम पर माल कमा रहे हैं। तहसील क्षेत्र में दर्जनों निजी नर्सिंग होम संचालन में हैं, लेकिन पंजीयन अधिकांश लोगों के पास नहीं है। चार वर्ष पहले निजी अस्पतालों पर ग्लोशाइन बोर्ड लगाने का आदेश था, लेकिन जब पंजीयन ही नहीं है तो बोर्ड कहां लगेगा।
क्षेत्र में तीन दर्जन से अधिक निजी नर्सिंग होम संचालन में हैं। यहां हर मर्ज के इलाज का बोर्ड तो रहता है, लेकिन जांच इलाज के नाम पर खानापूर्ति होती है। तीन से चार कमरों में चल रहे इन अस्पतालों को या तो देखने वाला कोई नहीं है, या यह विभागीय मिलीभगत से संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में जब बसपा की सरकार थी तभी मेडिकल संशोधन बिल पास हुआ था। सभी अस्पतालों में ग्लोशाइन बोर्ड लगाने की नसीहत दी गई। जिससे मरीज व तीमारदार यह जान सकें कि किस इलाज/जांच के लिए कितना पैसा लगेगा। लेकिन क्षेत्र के किसी भी निजी अस्पताल में ग्लोशाइन बोर्ड नहीं लगा है। निजी अस्पतालों में मरीज शोषण का शिकार हो रहे हैं। जांच और भर्ती करने के नाम पर उनसे अस्पताल संचालक हजारों रुपये कमा रहे हैं। सीएचसी अधीक्षक डा. बीएन चतुर्वेदी ने कहा कि बिना पंजीयन चल रहे निजी अस्पतालों की जांच जल्द ही की जाएगी और अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के संचालकों पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 1648 निगेटिव, दो कोरोना पाजिटिव
सिद्धार्थनगर : लखनऊ मेडिकल कालेज से गुरुवार को 1650 लोगों की जांच रिपोर्ट आई है। इसमें 1648 निगेटिव मिले हैं। दो लोग संक्रमित पाए गए हैं। कुल संक्रमित की संख्या 3952 हो गई है। 44 एक्टिव केस हैं। अभी तक 3860 कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। 50 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने 244147 लोगों की जांच कराई है। 1144 की जांच रिपोर्ट आनी शेष है।
सीएमओ डा. इंद्र विजय विश्वकर्मा ने बताया कि नौगढ़ ब्लाक के आजादनगर मोहल्ला में एक व्यक्ति पाजिटिव मिला है। इसके अलावा भनवापुर के फत्तेपुर गांव में एक संक्रमित पाया गया है। इन सभी को इलाज के लिए जिला अस्पताल के एमसीएच विग में आइसोलेट कराया गया है। इनके संपर्क में आने वाले लोगों को सर्विलांस टीम चिन्हित कर रही है। इन लोगों की भी जांच की जाएगी।