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छठ पर्व की तैयारियों का ईओ ने लिया जायजा

विवार को नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी शिवकुमार व अधिशाषी अभियंता राम मूरत ने छठ पर्व के मद्देनजर राप्ती तट का निरीक्षण किया। सफाईकर्मियों को लगातार मुस्तैद रहने की हिदायत देने के साथ ही घाट की सा़फ सफाई व शीघ्र चौड़ीकरण के साथ प्रकाश व्यवस्था का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 10:43 PM (IST)
छठ पर्व की तैयारियों का ईओ ने लिया जायजा
छठ पर्व की तैयारियों का ईओ ने लिया जायजा

सिद्धार्थनगर : रविवार को नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी शिवकुमार व अधिशाषी अभियंता राम मूरत ने छठ पर्व के मद्देनजर राप्ती तट का निरीक्षण किया। सफाईकर्मियों को लगातार मुस्तैद रहने की हिदायत देने के साथ ही घाट की सा़फ सफाई व शीघ्र चौड़ीकरण के साथ प्रकाश व्यवस्था का निर्देश दिया।

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तीन दिन तक चलने वाले पर्व के मद्देनजर ईओ सुबह 11 बजे उक्त स्थल पहुंचे। सा़फ सफाई, बिजली व्यवस्था, नाव व गोताखोरों के बारे में जानकारी ली। छठ पर्व पर हर साल बढ़ती भीड़ के कारण तट को और चौड़ा करने व नदी ढाल को ठीक करने को कहा। पर्व के दौरान शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए एसओ अनिल पांडेय को भी सूचना दी। अजय अग्रहरि, दिनेश कुमार, मधुसूदन अग्रहरि, राहुल सिंह, कमलेन्द्र त्रिपाठी, रमेश सोनी आदि मौजूद रहे। शिव बाबा घाट की हुई सफाई

जासं, शोहरतगढ़: नगर में छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई है। शिवबाबा घाट की साफ-सफाई के लिए नगर पंचायत प्रशासन पूरी तरह से लग गया है। कस्बा से सटे शिव बाबा घाट पर सफाई के लिए नगर पंचायत जुटा हुआ है। लोक आस्था के पर्व छठ से संबंधित सामान के लिए दुकानें सजने लगी हैं। शिव बाबा पोखरे पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सौरभ गुप्ता के नेतृत्व में साफ-सफाई की गई और वेदी का रंग रोगन का काम किया जा रहा है। हियुवा जिलाध्यक्ष रमेश गुप्ता, राम मिलन त्रिपाठी, विशुन देव तिवारी, पवन कसौधन, सोनू निगम,मनोज तिवारी, रविन्द्र वर्मा आदि मौजूद रहे।

भक्ति, धैर्य व शालीनता का नाम हनुमान सिद्धार्थनगर :शारीरिक, मानसिक एवं संगठन संबंधी शक्तियों का क्या उद्देश्य है, ऐसा क्यों आवश्यक है? इन प्रश्नों का उत्तर शक्ति के प्रतीक हनुमानजी के जीवन चरित्र से सहज ही मिल जाता है।

यह बातें लक्ष्मी पूजा के अवसर पर भानपुर रानी में चल रहे प्रवचन में पुजारी प्रसाद दुबे ने कही। कहा कि शक्ति साधनों का उपयोग किस लिए, केवल राम-सेवा के लिए। रामदूत बनने में ही हनुमान जी अपना गौरव समझते हैं। भगवान का अवतार अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करने के लिए होता है। सच्चे भगवद् भक्त को भी अपनी गतिविधियों का निर्धारण इसी आधार पर करना होता है। राम सेवा का तात्पर्य है आसुरी शक्तियों का उन्मूलन। रावण की तरह समाज को पद दलित करने वाले तत्वों के खिलाफ संघर्ष करके समाज को सभी भांति सुरक्षित, स्वतन्त्र, सुखी बनाने की राम सेवा में लग जाना ही शक्ति का सर्वोत्तम उपयोग है। हनुमानजी अपने तन-मन संगठन सभी शक्तियों के साथ राम सेवा के पुनीत उद्देश्य में लग गए थे। शक्तियों का उपयोग दूसरों का शोषण, अपहरण करने में करना, समाज के लिए आतंक, अत्याचार, असुरता की भावना पैदा करना रावण का मार्ग अपनाना है। शक्ति तो हनुमान की तरह राम के पीछे चल कर ही पुण्यवान हो पाती है। किसी सच्चे बलवान का बल समाज की निर्बलता की कमी की पूर्ति करने के लिए होना चाहिए, न कि समाज को और भी निर्बल सिद्ध करने के लिए। जो निर्बल हैं, कमजोर हैं, असमर्थ हैं, उन्हें अपनी शक्ति का सहारा देकर बलवान बनाना, जीवन के सहज स्वाभाविक अधिकार प्रदान करना, यही बलवान का धर्म है। अमन चैन कमेटी के अध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।


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