महिला थाने में टूट रही न्याय की उम्मीद
सिद्धार्थनगर: पति दूसरी शादी कर ले, या पहली पत्नी को छोड़ने की फिराक में हो, तारीख ले लीजिए फिर अगली
सिद्धार्थनगर: पति दूसरी शादी कर ले, या पहली पत्नी को छोड़ने की फिराक में हो, तारीख ले लीजिए फिर अगली तारीख पर चंपत हो जाइए, मामला बन जायेगा। नई किरण योजना का हश्र कुछ ऐसा ही है। महिला थाना में प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले इस तरह के मामलों में न्याय की उम्मीद टूट रही है। हालांकि पुलिस का दावा है कि हर पीड़ित को न्याय जरूर मिलता है।
रविवार को महिला थाना में पहला मामला अफसाना खातून का देखने को मिला। अ़फसाना ग्राम झररांव, थाना क्षेत्र खेसरहा की रहने वाली है। उसकी शादी संतकबीरनगर के थाना क्षेत्र बखिरा, ग्राम तरही में हुई है। अ़फसाना अपने पति के साथ रहना चाहती है। ¨कतु शमसुल कहता है कि उसकी पत्नी घर पर आने वाले को गाली देती है। गौरतलब है कि शमसुल हक की पहली बीबी रुखसाना थी, जिसको वह तलाक दे चुका है। अ़फसाना उसकी दूसरी बीबी है। काउंसलर पूर्व प्रधानाचार्य चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव,, शमसुल ह़क, विनयकांत मिश्र के सवाल उठाया कि अ़फसाना की ¨जदगी का क्या होगा? इस पर शमसुल और उसके पिता जलालुद्दीन का कहना था कि थोड़ा समय दे दीजिये, अगली तारीख पर सोचकर बताऊंगा। सवाल यह है कि अगली पेशी तारी़ख पर जलालुद्दीन और शमसुल हक नई किरण में उपस्थित होते हैं अथवा ़फातिमा की तरह तारीख दर तारीख नई किरण में उपस्थित होने के लिए पति पक्ष के उपस्थित होने की बाट जोहना है। विदित हो कि ़फातिमा की शादी सल्लू उर्फ सबरे आलम, मतिउल्लाह का पुत्र है। ़फातिमा, ग्राम सेमारियांव, थाना चिल्हिया क्षेत्र की रहने वाली है जबकि सल्लू, ग्राम हरैया थाना क्षेत्र जोगिया का निवासी है। दो पेशी पर सल्लू नई किरण में उपस्थित हुआ ¨कतु तीसरी, चौथी और पांचवीं पेशी पर पिता पुत्र दोनों उपस्थित नहीं हुए। बकौल ़फातिमा मैं पिछली तीन बार से आती हूँ और तारी़ख लेकर चली जाती हूं। सवाल यह है कि दोनों पक्षों के उपस्थित न होने के लिए, तारी़ख दर तारी़ख में लटकाकर पीड़ित पक्ष को क्यों थकाया जाता है।
इसी तरह घिराऊ भी अपने बेटे प्रमोद को नहीं उपस्थित करवा रहा है। सिर्फ एक बार प्रमोद नई किरण में उपस्थित हुआ ¨कतु विगत कई बार से वह उपस्थित नहीं हो रहा है। प्रमोद की पत्नी फूलमती भी कई बार तारीखों पर काउंसि¨लग के लिए हाजिर होती है लेकिन पति पक्ष से घिराऊ हस्ताक्षर बना कर चला जाता है। मामलों की पड़ताल से यह पता चलता है कि पीड़ित फाइलों में तारी़ख पर तारीख में उलझकर थक हार कर बैठ जाये और विपक्षी का पौ बारह होता रहे।
....... छह मामले निस्तारित
नई किरण के तहत 18 मामला प्रस्तुत किया गया। इसमें छह मामले का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। छह मामले में एक पक्ष ही उपस्थित रहा। निस्तारण किया गया। सहमति के आधार पर माया पत्नी सोनू सहिला थाना लोटन, सुशीला पत्नी संजय निवासी करही बगही थाना खेसरहा, चंपा देवी पत्नी फूलदेव ग्राम चोरईताल थाना खेसरहा,संगीता पत्नी करुणाकर सिधवार थाना फरेंदा जनपद महाराजगंज, रेशमाबानो पत्नी जाने आलम खजुरियां थाना सदर, निर्मला पत्नी रामकिशन ग्राम मसैची थाना खेसरहा जनपद सिद्धार्थनगर शामिल है।
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फोटो-21एसडीआर-9 नई किरण में जो भी मामले आते हैं, उसका निस्तारण किया जाता है। यदि एक पक्ष उपस्थित रहता है और दूसरा नहीं तो यह गलत है। ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि दोनों पक्ष उपस्थित हों। काउंसलर से भी वार्ता की जाएगी। अगले रविवार से पीड़ितों को पूरा न्याय मिलेगा। अब उच्चअधिकारी भी इसपर नजर रखेंगे।
डा. धर्मवीर ¨सह
पुलिस अधीक्षक
सिद्धार्थनगर