काव्यपाठ के जरिए नारियों को नमन
सिद्धार्थनगर : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गुरुवार को अमौना स्थित बाग में कवि सम्मेलन एवं
सिद्धार्थनगर : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गुरुवार को अमौना स्थित बाग में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसमें कवियों एवं शायरों ने अपनी रचनाओं के जरिए नारी शक्ति को नमन किया। सभी ने अपनी शायरी व कविताओं के जरिए नारी की महानता का बखान किया। इसके अलावा हास्य-व्यंग तथा श्रृंगार की रचनाओं ने भी लोगों को खूब गुदगुदाया। कई कवियों व शायरों ने समसामयिक विषयों पर रचनाएं प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। नामचीन कवियों व शायरों की भावपूर्ण प्रस्तुति में दर्शक देर रात तक गोते लगाते रहे।
बतौर मुख्य अतिथि गोंडा के जनपद न्यायाधीश सुमित प्रेमी ने कहा कि बेटियां कुदरत का अनमोल उपहार हैं। उनकी उचित परवरिश आवश्यक है। आज वह हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं। किसी मामले में वह बेटों से कम नहीं हैं। विशिष्ट अतिथि अब्दुल हफीज गांधी ने भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का पैगाम दिया। नौजवान शायर वसीम मजहर की नात-ए-पाक से प्रारंभ कार्यक्रम में नियाज कपिलवस्तुवी, विकास बौखल, मयकश आजमी, काविश रूदौलवी, अकमल बलरामपुरी, सुशील सागर, ज्ञानेंद्र द्विवेदी दीपक, जमील चौखड़ावी, जमाल कुद्दूसी, ब्रह्मदेव शास्त्री, दीदार बस्तवी, तनवीर जलालपुरी, राकेश त्रिपाठी गंवार आदि ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। युवा शायर चांदनी शबनम, शायरा गुलेसबा, फलक सुल्तानपुरी ने तो पूरी महफिल की लूट ली। कुल 36 कवियों ने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्ट योगदान के लिए बांसी की पूर्व नपाध्यक्ष चमन आरा राइनी सहित अन्य महिलाओं को सम्मानित किया गया। संचालन उमर फारुकी ने किया। अखलाक हुसेन, अतीकुर्रहमान, असरार फारुकी, शाहिद सिराज, बलराम त्रिपाठी, एडवोकेट सिराजुद्दीन खान, रमेश वर्मा, बरकत खान, मो. अनीस सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।