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मृतकों के नाम भी आवंटित हो गया शौचालय

लोहटामय खुनियांव विकास खंड का ऐसा गांव है जहां साठ वर्ष पहले मरे लोगों के नाम पर भी शौचालय अनुदान राशि निकाली गई है। मौके पर दर्जनों लोग शौचालय बनवाकर अनुदान की राह देख रहे हैं, बावजूद इसके ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से लोगों को शौचालय अनुदान राशि नहीं मयस्सर हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:19 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:19 PM (IST)
मृतकों के नाम भी आवंटित हो गया शौचालय
मृतकों के नाम भी आवंटित हो गया शौचालय

सिद्धार्थनगर: लोहटामय खुनियांव विकास खंड का ऐसा गांव है जहां साठ वर्ष पहले मरे लोगों के नाम पर भी शौचालय अनुदान राशि निकाली गई है। मौके पर दर्जनों लोग शौचालय बनवाकर अनुदान की राह देख रहे हैं, बावजूद इसके ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से लोगों को शौचालय अनुदान राशि नहीं मयस्सर हुई। इसकी शिकायत मिलने पर सीडीओ ने जांच के आदेश दिए हैं, जिम्मेदारों से 26 नवंबर तक जवाब मांगे गए हैं। उसके बाद कार्रवाई होगी।

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गांव के बकरीदन को मरे चालीस वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। उनके नाम पर शौचालय अनुदान का पैसा इस वित्तीय वर्ष में निकल चुका है और उनके साठ वर्षीय पुत्र रव्वाब अली आज भी शौचालय अनुदान की राह देख रहे हैं। सिर्फ बकरीदन ही नहीं गांव के कल्लू,रामजैश, चिरकुट, लोटई आदि की मौत भी काफी पहले हो चुकी है,लेकिन इनके नाम पर भी शौचालय अनुदान निकल चुका है और इनके परिजनों को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।गांव के राजबहादुर पाठक का कहना है कि ग्राम प्रधान ने शौचालय निर्माण में अपना व अपने दोनों बेटों के नाम शौचालय निर्माण दिखाकर अनुदान प्राप्त कर चुके हैं,जबकि हम लोग शौचालय बनवाकर अभी अनुदान की प्रतीक्षा में हैं। यही हाल बजरंग नारायण मिश्रा का है वह शौचालय का गड्ढा खोदकर अनुदान की प्रतीक्षा में हैं। एडीओ पंचायत हरि प्रसाद ने बताया कि उक्त गांव में 117 लाभार्थियों को शौचालय अनुदान दिया गया है। गड़बड़ी की शिकायत मिली है स्थलीय निरीक्षण के बाद आवश्यक कार्रवाई होगी। बीते शुक्रवार को नोडल अधिकारी- लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव समीर वर्मा इटवा तहसील के दौरे पर थे। ग्राम ¨हगुआ के निरीक्षण के दौरान खुनियांव विकास खंड के लोहटामय ग्राम सभा के लोगों ने उनसे मुलाकात कर गांव में चल रही अनियमितता की शिकायत की। प्रमुख सचिव ने सीडीओ हर्षिता माथुर को जांच के आदेश दिए। शनिवार को डीसी मनरेगा भी गांव में पहुंचे और मनरेगा के तहत हुए कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण में तमाम अनियमितताएं मिलीं। जिस पर ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को 26 नवंबर तक जवाब देने को कहा है।


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