संघ में व्यक्ति नहीं पवित्र भगवा ध्वज प्रधान
पवित्र भगवा ध्वज है।
संघ में व्यक्ति नहीं पवित्र भगवा ध्वज प्रधान
सिद्धार्थनगर : भारत दुनिया का सबसे युवा देश तो है ही ,साथ ही सबसे प्राचीन देश भी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जड़ में व्यक्ति नहीं बल्कि पवित्र भगवा ध्वज प्रधान है। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश ने बतौर मुख्य अतिथि कही। वे रविवार को नगर स्थित एक निजी विद्यालय में संघ के नौगढ़ नगर इकाई के तत्वाधान में आयोजित वन विहार कार्यक्रम में बोल रहे थे। कहा कि संगठन पुराने और नए लोगों को लेकर समाज में काम करता है। संघ प्रारंभ हुए 97 वर्ष हो गये। यदि नए लोग न आये होते तो समाज में काम करने का स्वरूप इस प्रकार नहीं होता। कहा कि भगवा ध्वज का मतलब भगवान का ध्वज होता है। मानव सदा अपूर्ण रहा है पूर्ण तो केवल ईश्वर है। इसलिए व्यक्ति के आचरण से संघ के आचरण की तुलना नहीं की जा सकती। भगवा ध्वज त्याग सिखाता है। इतिहास में वही अमर होता है जो त्याग करता है। कहा कि संघ के लोगों ने भारत को परम वैभव पर ले जाने के लिए स्वयं का बलिदान किया है। कोरोना काल में संघ के स्वयंसेवकों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर समाज के लिए काम किया। हजारों स्वयं सेवकों ने राष्ट्र व समाज के लिए प्राण त्याग किये। यह भाव शाखा में आने वाले स्वयंसेवकों में ही होता है। मानव जीवन की सभी परंपराएं व आदर्श जो पूर्वजों ने दिया है उसी अनौपचारिक संबंधों के आधार पर संघ चलता है। नगर कार्यवाह ओंकार नाथ पांडेय ने अतिथियों का परिचय कराते हुए अपने नगर की शाखाओं का ब्योरा दिया। जिला कार्यवाह शिवेंद्र सिंह ने नगर कार्यकारिणी के कुछ दायित्वधारी कार्यकर्ताओं के नामों की घोषणा की। इस अवसर पर नगर प्रचारक अभय ,जिला शारीरिक प्रमुख राजेश सिंह, नगर बौद्धिक प्रमुख अनूप पाठक , कृष्ण देव पांडेय, वरिष्ठ धर द्विवेदी , दीपक मौर्य,फतेहबहादुर सिंह , ओम शंकर पांडेय, संतोष मिश्र, संतोष कश्यप, योगेंद्र यादव, महादेव प्रसाद आदि मौजूद रहे।