सीमा पर नाइटविजन कैमरे से हर पल नजर
भारत- नेपाल की 68 किमी खुली सीमा की रखवाली एसएसबी व पुलिस के जवान कर रहे हैं। हर गतिविधियों पर उनकी निगाह है। निगरानी के लिए सीमा पर संसाधन बढ़ाए गए हैं जवानों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। सीमा पर नाइटविजन कैमरे लगाए गए हैं।

सिद्धार्थनगर: भारत- नेपाल की 68 किमी खुली सीमा की रखवाली एसएसबी व पुलिस के जवान कर रहे हैं। हर गतिविधियों पर उनकी निगाह है। निगरानी के लिए सीमा पर संसाधन बढ़ाए गए हैं, जवानों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। सीमा पर नाइटविजन कैमरे लगाए गए हैं। इसका परिणाम बेहतर मिल रहा है। एक वर्ष में तस्करी के 767 मामले पकड़े गए हैं। महिला अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए महिला आरक्षियों की तैनाती की गई है।
सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसबी की है। वह स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर जिम्मेदारी निभा रही है। नेपाल से होने वाली तस्करी को रोकने में कस्टम विभाग भी उनके साथ कार्य कर रहा है। नेपाल सीमा के ककरहवा मे मार्च 2016 में कस्टम विभाग का कार्यालय खुला। 2017-18 में कस्टम विभाग ने जांच पड़ताल को और पुख्ता करने के लिए सीसी कैमरा लगवाया है। इसकी मानिटरिग सीधे विभाग के अधीक्षक करते हैं। कैमरे की निगरानी में होने के कारण भी तस्करी पर लगाम लगी है। कैमरा लग जाने के बाद सीमा से जुड़े कस्बों एवं चौराहों की गतिविधियों की निगरानी आसान हो गई है। इस संदर्भ में कमान अधिकारी, एसएसबी 43वीं वाहिनी अमित सिंह का कहना है कि सीमा पर जवान हर पल मुस्तैद हैं। सभी गतिविधियों पर निगाह रखते हैं। उन्हें आधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है। इसके परिणाम भी बेहतर आए हैं। तस्करी एवं अन्य अनैतिक कार्याें से जुड़े लोग पकड़े भी जा रहे हैं। जब इसके बारे में पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सीमा क्षेत्र से जुड़े थाना प्रभारियों को संदिग्ध गतिविधियों पर निगाह रखने का निर्देश है। मुख्य रास्तों पर महिला आरक्षियों को भी तैनात किया गया है। ककरहवा, लीलाडिहवा, लालपुर, नरकुल समेत 14 स्थानों पर नाइटविजन कैमरा भी लगाया गया है।
Edited By Jagran