दो सौ दीजिए, तत्काल बनेगा आधार
आधारकार्ड बनवाने के लिए मारा-मारी मची है। नंबर लगाने के लिए लोग रात-रात भर जाग रहे हैं। इसके बाद भी उनके हाथ निराशा ही लग रही है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को हो रही है। आधार न होने से उनका प्रवेश सहित अन्य काम प्रभावित हो रहा है। वहीं सुविधा शुल्क देने वालों का काम तत्काल हो जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार इसके प्रति अनभिज्ञ हैं।
सिद्धार्थनगर: आधारकार्ड बनवाने के लिए मारा-मारी मची है। नंबर लगाने के लिए लोग रात-रात भर जाग रहे हैं। इसके बाद भी उनके हाथ निराशा ही लग रही है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को हो रही है। आधार न होने से उनका प्रवेश सहित अन्य काम प्रभावित हो रहा है। वहीं सुविधा शुल्क देने वालों का काम तत्काल हो जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार इसके प्रति अनभिज्ञ हैं।
अगर आपको आधार कार्ड बनवाना है तो पहले साड़ी चौराहा स्थित मुख्य डाकघर पर पहुंच कर अपना नंबर लगावाएं। अगर समय से नहीं पहुंचे तो जेब ढीली करनी पड़ेगी, नहीं तो वापस जाना पड़ेगा। नंबर कल भी लग जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। यह पीड़ा है आधारकार्ड बनवाने के लिए सप्ताह से दौड़ रहे लोगों का। लोगों का कहना है कि नंबर लगाने में भी खेल होता है। अपने लोगों का पहले ही नाम लिखकर रखा जाता है। थोड़े ही देर में बोल दिया जाता है कि आज नंबर फुल हो गया। कल आइए? कल भी वही होता है। पैसा देने वालों का बिना नंबर से काम हो जाता है। शिकायत करने के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है। इससे बच्चों का नाम लिखाना, राशनकार्ड बनवाना, बैंक में खाता खोलवाना, डीएल आदि काम नहीं हो पा रहा है।
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नागरिकों के बोल
बिना पैसा लिए आधारकार्ड नहीं बनाया जा रहा है। सौ से दो सौ रुपए लिया जा रहा है। उनके लिए कोई नंबर नहीं लगता। तीन दिन से दौड़ रहा हूं,लेकिन आज भी नंबर नहीं लगा। अब तो उम्मीद टूट गई है।
धर्मेंद्र कुमार, मैनहिया
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मैं पिछले एक सप्ताह से आधार कार्ड बनवाने के लिए आ रहा हूं। नंबर लगाने के लिए सुबह चार बजे से आ गया। इसके बाद भी काम नहीं हो रहा है। डाक विभाग के उच्चाधिकारियों को मेल भेज चुका हूं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
पियूष द्विवेदी, सिसहनिया
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नंबर लगाने के लिए चार दिन से लगातार मुख्य डाकघर पर आ रहा हूं। चिल्हिया से आने-जाने में काफी समय व किराया भी लग रहा है। आधारकार्ड न होने से स्कूल में प्रवेश नहीं ले पा रहा हूं। कोई ध्यान देने वाला नहीं है।
अजय शर्मा
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खुनुवा क्षेत्र के लुचुइया से नतिनी का आधारकार्ड बनवाने आए हैं। चार दिन से चक्कर काट रहा हूं। बुधवार की रात मुख्यालय पर ही बिताया,तो आज नंबर मिल गया। व्यवस्था में सुधार होनी चाहिए।
भगवान दत्त, लुचुइया
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आधारकार्ड के प्रति विभाग गंभीर नहीं है। इसके चलते लोगों की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। जो पैसा देते हैं, उनका काम तत्काल कर दिया जाता है। ठीक से कोई बात भी नहीं करता है।
राम अचल विश्वकर्मा, बसठा
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यहां काम उन्हीं का होता है, जिनकी पहुंच है। दो दिन से विभाग में आ रहा हूं। आज भी नंबर नहीं मिला। आधारकार्ड न होने से कई जरूरी काम नहीं हो पा रहा है। पूछने पर कोई ठोस जवाब भी नहीं देता है।
सुरेश यादव, बैरवां नानकार
.......... दिव्यांग भी लगा रहे दौड़
शोहरतगढ़ क्षेत्र के नीबी दोहनी निवासी दिव्यांग रामराज पत्नी सावित्री के साथ दो दिन से आधारकार्ड बनवाने के लिए परेशान हैं। उन्होंने बताया कि चलने से भी मजबूर है। बावजूद कोई सुनने वाला नहीं। कार्ड न होने से कई काम रूका है। आज भी बनने की उम्मीद नहीं है।
.......... सुबह नौ बजे के आसपास नंबर लगाया जाता है। हर दिन करीब डेढ़ से दो सौ की संख्या में लोग पहुंचते है। नेटवर्क की समस्या आदि के कारण 20 से 25 ही कार्ड बन पा रहा है। अधिकांश संशोधन के रहते हैं। इसके लिए 50 रुपये शुल्क निर्धारित है। नया के लिए कोई शुल्क नहीं है। अगर कोई पैसा अधिक मांगता है तो आवेदक हमसे शिकायत करें।
कर्मराज चौधरी, पोस्ट मास्टर, मुख्य डाकघर, तेतरी बाजार