कटान ने मोड़ा रुख, नदी के मुहाने पर नेबुआ गांव
पिछले कई सालों में सैकड़ों बीघा खेत पानी में समा चूके है
सिद्धार्थनगर :अभी तक बड़हरा गांव राप्ती नदी के मुहाने पर था, पूरे गांव में दहशत थी, पिछले तीन-चार सालों में सैकड़ों बीघा खेत पानी समां चुके थे, परंतु इधर करीब एक सप्ताह से अचानक नदी ने अपना रुख मोड़ लिया है, जिसके चलते बड़हरा गांव तो सुरक्षित दिखाई देने लगा है, परंतु अब रमवापुर उर्फ नेबुआ गांव नदी के मुहाने पर आ गया है। कटान व नदी के बढ़े जलस्तर से पूरा गांव पानी से घिर गया है। सैलाब की दस्तक से आधा दर्जन से ऊपर गांव के लोग भी भयभीत हो उठे हैं। सभी को डर है, कि यदि नदी का पानी इसी तरह बढ़ता रहा, तो कभी भी राप्ती यहां कहर बरपा सकती है।
राप्ती नदी के बढ़ रहे जलस्तर से रमवापुर नेबुआ, धनोहरी, पेराड़ी, मछिया, शाहपुर, कटया, वीरपुर एहतेमाली, वीरपुर कोहल, भरवठिया आदि गांव के लोग बाढ़ को लेकर दहशत में आ चुके हैं। कटान की स्थिति भी दिनों तक भयावह होती जा रही है। नेबुआ गांव पर सर्वाधिक खतरा मंडराने लगा है। पूरा गांव पानी से घिर गया है, तो करीब पांच सौ एकड़ फसल पानी में डूब गई है। संपर्क मार्ग पर भी पानी बहने लगा है। ग्रामवासियों में दल ¨सगार, गुल्लू, चेहरन, राम बिलास, बेवी माधव, राम करन, झन्नू आदि का कहना है कि अगर ¨सचाई विभाग व प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए, तो नदी यहां कहर बरपा सकती है। जहां तक वीरपुर एहतेमाली की बात है, तो यहां भी सड़क पर पानी भर गया है, प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में इस कदर पानी भरा हुआ है, कि अंदर जाना मुश्किल हो गया है। यहां भी कटान शिव मंदिर के करीब पहुंच गई है, कब मंदिर नदी में समां जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। अगल-बगल गांवों के लोगों की नींद भी कटान ने उड़ा दी है।
--
जलस्तर में थोड़ी बढ़ोत्तरी है, प्रशासन स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं। जहां विकट स्थिति है, वहां बचाव संबंधित जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
शिवमूíत ¨सह,
तहसीलदार - डुमरियागंज