सुअरों की धमाचौकड़ी व दुर्गध से जीना मुहाल
सरकार के स्वच्छता अभियान को जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। ककरहवा में गंदगी के बीच सुअ
सरकार के स्वच्छता अभियान को जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। ककरहवा में गंदगी के बीच सुअरों की धमाचौकड़ी और बदबू से नागरिकों का जीना मुश्किल है। सफाई कर्मी बैठकर वेतन ले रहे हैं और जिम्मेदार सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान को देखने तक की फुर्सत नहीं है। ऐसा ही रहा तो बीमारी फैलेगी और लोग बे-मौत मरेंगे।
सर्वाधिक गंदगी प्राथमिक विद्यालय, पूर्व कन्या माध्यमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र पर है। यहां पिछले छह माह से कोई सफाई नहीं हुई, जबकि दो सफाई कर्मी नियुक्त हैं। बिना सफाई के इन्हें वेतन कैैसे मिल रहा है, यह जांच का विषय है। विद्यालय परिसर में गंदगी का अंबार लगा है तो पूरे दिन यहां सुअरों व छुट्टा पशुओं की धमा-चौकड़ी मची रहती है। जिससे विद्यालय के आस पास रहने वालों लोगों तथा इस रास्ते आने जाने वालों में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। ऐसी गंदगी के बीच स्थित आंगनवाड़ी केंद्र से लोगों को संचारी रोगों से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। बावजूद इसके यहां सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। लोगों के संज्ञान में लाने के बाद भी जिम्मेदार आंखे बंद किए बैठे हैं। संजय, ढिम्मल, सूरज, दारे, बिदु और मारकंडेय ने कहा कि यहां दोनों सफाई कर्मी छह माह से नहीं दिखे। जब तक इन्हें हटाकर दूसरे की तैनाती नहीं हो जाती, इस समस्या का हल निकलना मुश्किल है। इसकी शिकायत सेक्रेटरी और बीडीओ से की गई, बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। सचिव अभिनव ओझा ने कहा कि बार-बार मना करने के बावजूद भी कस्बावासी परिसर में ही कूड़ा लाकर फेंकते हैं। इससे यह नौबत उत्पन्न हुई है। खंड विकास अधिकारी नीरज जायसवाल ने कहा कि संबंधित सफाई कर्मियों और सेक्रेटरी को नोटिस दिया जाएगा।
----
सभी अध्यापकों को विद्यालय परिसर स्वच्छ एवं सुंदर रखने का निर्देश दिया गया है। किसी भी स्कूल परिसर में गंदगी नहीं रह सकती। खंड शिक्षा अधिकारी से कारण पूछते हुए संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र सिंह, बीएसए