तीन वर्ष में नहीं दी सूचना, सीडीओ हर्षिता माथुर आयोग में तलब
जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना नहीं दी जा रही है। जिसे लेकर राज्य सूचना आयोग ने सिद्धार्थनगर की तत्कालीन आइएएस हर्षिता माथुर को 10 फरवरी 2021 को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है।
सिद्धार्थनगर: पिछले तीन वर्ष से बेसिक शिक्षा विभाग से जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना नहीं दी जा रही है। जिसे लेकर राज्य सूचना आयोग ने सिद्धार्थनगर की तत्कालीन आइएएस हर्षिता माथुर को 10 फरवरी 2021 को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है। आयोग ने बेसिक शिक्षा कार्यालय के तत्कालीन पटल सहायक मुकुल मिश्रा से भी पूछताछ करेगा।
जिले में गैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे स्कूलों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब न देने पर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने तत्कालीन बीएसए मनिराम सिंह और राम सिंह पर 25-25 हजार का जुर्माना लगा चुका है। तत्कालीन बीएसएस डा. सूर्य कांत त्रिपाठी अपना पक्ष रख चुके हैं, जिस पर आयोग संतुष्ट नहीं हैं। इनपर भी कार्रवाई हो सकती है। आरटीआई कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता देवेश मणि त्रिपाठी ने जन सूचना अधिकारी बीएसए मनिराम सिंह से नवंबर 2017 में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को 2015-16, 2016-17 एवं एक अप्रैल 2017 से 31 अक्टूबर तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थनगर से जारी की गई नोटिसों का पूर्व विवरण, कार्रवाई का पूर्ण विवरण एवं बंद कराए गए विद्यालयों की सूची एवं उनके खिलाफ कार्रवाई की छायाप्रति मांगी थी। इस प्रकरण में अनिल कुमार मिश्र खंड शिक्षा अधिकारी बर्डपुर, तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सिंह-निलंबित एवं संबंध कार्यालय शिक्षा निदेशक, सूर्य कांत त्रिपाठी वरिष्ठ प्रवक्ता जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान श्रावस्ती एवं केएस वर्मा उप प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बस्ती, अनिल कुमार सिंह तत्कालीन वरिष्ठ सहायक एवं वर्तमान सहायक जिला विद्यायल निरीक्षक बस्ती अपना बयान आयोग के समक्ष दर्ज करा चुके हैं। राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने बीएसए को भेजे निर्देश में कहा है कि तत्कालीन सूचना अधिकारी हर्षिता माथुर प्रभारी बीएसए, तत्कालीन कनिष्ठ सहायक बीएसए एवं वर्तमान कनिष्ठ सहायक ब्लाक संसाधन केंद्र खेसरहा मुकुल मिश्र को अंतिम अवसर के साथ एक मौका दिया जा रहा है। यह दोनों लोग 10 फरवरी 2021 को सुनवाई में अपना पक्ष रखें।