गूगल पर मिलेगी नगर के पौराणिक व धार्मिक स्थल की जानकारी
अब गूगल पर नगरपालिका सिद्धार्थनगर क्षेत्र के पौराणिक व धार्मिक स्थलों की जानकारी मिलेगी। इन मंदिरों के मान्यता व स्थापना काल से संबंधित सभी जानकारियां अपलोड की जाएगी।
सिद्धार्थनगर : अब गूगल पर नगरपालिका सिद्धार्थनगर क्षेत्र के पौराणिक व धार्मिक स्थलों की जानकारी मिलेगी। इन मंदिरों के मान्यता व स्थापना काल से संबंधित सभी जानकारियां अपलोड की जाएगी। बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इस संबंध में मार्ग व यातायात से संबंधित भी जानकारी भी इसमें दी जाएगी।
नगर पालिका ने इस संबंध में कवायद शुरू कर दी है। मंदिरों के जीर्णोद्वार का काम भी शुरू हो गया है। राज्य वित्त योजना से इन मंदिरों में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। दस मंदिर में निर्माण कार्य के लिए 30 लाख रुपये निर्गत किया गया है।
नगर पालिका परिषद ने नगर क्षेत्र के दस प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर वाले मंदिरों के जीर्णोद्धार की पहल शुरू की है। इन मंदिरों की स्थापना करीब दो सौ वर्ष पूर्व की मानी जा रही है। लोगों की धार्मिक आस्थाएं भी इनसे जुड़ी है। इंदिरा नगर स्थित काली माता मंदिर, पूरब पड़ाव में प्राचीन शिव मंदिर व प्राचीन रामजानकी मंदिर, बुद्ध नगर वार्ड के सिद्धेश्वरी माता मंदिर का जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण का काम शुरू हुआ है। पुरानी नौगढ़ के नौगढ़ डीहवा, सिविल लाइन और जवाहर नगर वार्ड स्थित समय माता मंदिर, पश्चिम गोला वार्ड में बमबम बाबा मंदिर, नौगढ़ के हनुमानगढ़ी मंदिर, रोमापार और पकड़ी में काली माता मंदिर का जीर्णोद्वार का काम होगा।
डोम राजा का पुल पर सेल्फी प्वाइंट
नगरपालिका ने प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने का काम शुरू किया है। वर्ष 1890 में काशी के डोम राजा ने नौगढ़ और पुरानी नौगढ़ के मध्य से बहने वाले पहाड़ी नाला जमुआर पर पुल का निर्माण कराया था। यह पुल बनाने का उद्देश्य काला नमक धान के व्यापार को बढ़ावा देना था। करीब एक दशक पूर्व तक इस पुल से यातायात होता रहा। जमुआर नाला पर दूसरा पुल बनने के बाद जब यह निष्प्रयोज्य हो गया तो नगर पालिका ने इसे सेल्फी प्वाइंट के रूप में विकसित किया है।
अध्यक्ष नगरपालिका श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मंदिरों के सुंदरीकरण का काम शुरू हो गया है। नगर की प्राचीन धरोहर को संरक्षित किया जा रहा है। सिंहेश्वरी और प्राचीन शिवमंदिर पर ग्रेनाइट से सुंदरीकरण कराया जा रहा है। यह मंदिर आस्था के केंद्र हैं। यहां पर तीज व त्योहार के समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। इसे ध्यान में रखते हुए बुनियादी सुविधा की जरूरत भी पूरी की जा रही है। पेयजल, सफाई, बिजली की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है।