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सिद्धार्थनगर जिले में किराये के भवन में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल

किराए के भवन में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 06:55 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 06:55 PM (IST)
सिद्धार्थनगर जिले में किराये के भवन में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल
सिद्धार्थनगर जिले में किराये के भवन में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल

सिद्धार्थनगर जिले में किराये के भवन में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल

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सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र की लचर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ निजी नर्सिंग होम संचालित करने वाले धड़ल्ले से उठा रहे हैं। बना पंजीयन के चल रहे अस्पतालों में हर रोग के उपचार का दावा है, लेकिन व्यवस्था नाममात्र की भी नहीं है। अस्पताल में सिर्फ उपचार ही नहीं हर प्रकार के जांच के साथ दवा देने की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन किसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं समझी गई। डुमरियागंज के बैदालागढ़ में बून हास्पिटल किराये के भवन में बिना पंजीयन के संचालन में है, वहीं चौखड़ा में बंगाली डा. बिना पंजीयन के अस्पताल संचालित कर बेहतर उपचार का विश्वास दिला रहे हैं।

डुमरियागंज- ढ़ेबरुआ मार्ग के चौखड़ा चौराहे पर बिना कोई बोर्ड लगाए डा. जेके सिंह विश्वास अस्पताल संचालित करते हुए मिले। यहां एक कमरे में ग्लूकोज चढ़ाते हुए मिले। मेडिकल स्टोर भी संचालित होता मिला। पूछने पर बताया कि उनका रजिस्ट्रेशन नहीं है। डुमरियागंज- बस्ती मार्ग के बैदौलागढ़ में बून हास्पिटल बिना पंजीयन के संचालित होता मिला। यहां कुछ महिला रोगियों का उपचार चल रहा था, लेकिन कोई चिकित्सक मौके पर नहीं मिला। मेडिकल स्टोर व पर्ची बनाने वाले काउंटर पर काम करने वालों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वहीं लोग उपचार करते हैं।हालांकि अस्पताल पर लगे बोर्ड पर डा. राशिद का नाम लिखा पाया गया, लेकिन उनके बावत कोई जानकारी स्टाफ नहीं दे सका। मेडिकल स्टोर भी परिसर में अवैध रूप से संचालित होता पाया गया। बैदौलागढ़ स्थित सेंट्रल वेयर हाउस के ठीक बगल में डा. फारुकी कमाल दो मंजिले भवन में पब्लिक हेल्थ सेंटर पर लगभग हर रोग का उपचार करते हैं। मूलत: बसडिलिया गांव के निवासी डा. का दावा है कि वह पिछले 26 वर्ष से क्लीनिक चला रहे हैं, बावजूद उनका क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग के नियमावली के तहत पंजीकृत नहीं है। इतना ही नहीं क्लीनिक के निचले तल पर उनका आंख का अस्पताल और मेडिकल स्टोर भी है। उक्त का पंजीकरण भी नहीं है।

डा. डीके चौधरी, प्रभारी सीएमओ ने बताया कि बिना पंजीयन के चल रहे अस्पताल, मेडिकल स्टोर, अल्ट्रासाउंड सेंटर, पैथालाजी की जांच के लिए टीम गठित हो चुकी है। टीम छापेमारी करके संचालन बंद कराएगी और संचालक पर कठोर कार्रवाई तय करेगी।


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