पापियों के विनाश के लिए होता है भगवान का जन्म
ब्लाक क्षेत्र के सेखुई गोवर्धन में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। चौथे दिन अयोध्या से पधारी कथावाचक बाल विदुषी कनकेश्वरी देवी ने कहा कि इस पृथ्वी पर जब-जब अपराधियों का आतंक चरम पर पहुंच जाता है तो उसे समाप्त करने के लिए प्रभु अवतरित होते हैं।

सिद्धार्थनगर : ब्लाक क्षेत्र के सेखुई गोवर्धन में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। चौथे दिन अयोध्या से पधारी कथावाचक बाल विदुषी कनकेश्वरी देवी ने कहा कि इस पृथ्वी पर जब-जब अपराधियों का आतंक चरम पर पहुंच जाता है तो उसे समाप्त करने के लिए प्रभु अवतरित होते हैं। प्रभु बिना किसी भेदभाव के अपराधियों को अपराधी मानकर सजा देते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारे राक्षस भगवान के अनन्य भक्त थे परंतु अपराध करने के कारण प्रभु ने उनका वध किया। मनुष्य को भी अपने सांसारिक जीवन में ऐसी जीवन शैली अपनानी चाहिए किस समाज उनको पारदर्शिता की निगाह से देखे। आज तो लोग अपने परिवार के साथ भी न्याय करने से दूर भाग रहे हैं। मानव जाति ने आज साहस खो दिया है। उनके पास इतना साहस नहीं है कि वह अपराधियों को अपराधी कह सकें। शायद अपराध इसीलिए बढ़ रहा है क्योंकि मानव जाति आज विरोध नहीं करती। त्रिभुवन यादव, भवन यादव, सुरेश यादव, राजेश, कुलदीप पांडेय, नीरज कृष्ण चंद, लक्ष्मण यादव मौजूद रहे। भागवत कथा कल्प वृक्ष के समान है सिद्धार्थनगर: चौराहे पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के आठवें दिन अयोध्या धाम से पधारे पंडित किरण पाण्डेय महाराज ने प्रवचन के दौरान कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्प वृक्ष के समान है। इससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। सभी व्यक्ति समय निकालकर भागवत कथा का श्रवण करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पुस्तक ही नहीं है, बल्कि साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन है। इसके हर एक शब्द में भगवान विराजते हैं। इसके श्रवण से हर एक पाप से मुक्ति तो मिलती ही है, शरीर के अंदर दैविक शक्ति भी प्राप्त होती है।
आचार्य जनार्दन ने कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन को अपना आदर्श बनाकर, उसके अनुसार आचरण करके उस पथ के पथिक बन सकें। भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आने से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। वे बहुत ही दयालु हैं, सच्चे मन से जिसने उनकी प्रार्थना की उन्हें जीवन-मरण से मुक्ति मिल जाती है। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से लौकिक तथा अध्यात्मिक विकास होता है। कलयुग में श्रीमद भागवत पुराण की कथा सुनने मात्र से ही व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। रामकृपाल अग्रहरि, डब्लू अग्रहरि, मुन्ना पंडित, संदीप, अमरनाथ यादव,दयाराम, रामफेर चौधरी आदि मौजूद रहे।
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