24 वर्ष से दूसरे के नाम पर दो भाई करते रहे नौकरी, बर्खास्त
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। दूसरे के प्रमाणपत्रों पर परिषदीय विद्यालय में शिक्षक की नौकरी हथियाने के 24 वर्ष तक विभाग की नजर नहीं पड़ी।
सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। दूसरे के प्रमाणपत्रों पर परिषदीय विद्यालय में शिक्षक की नौकरी हथियाने के 24 वर्ष तक विभाग की नजर नहीं पड़ी। एसटीएफ की जांच के बाद मामला पकड़ में आने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने दो शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया और संदिग्ध पाए गए एक शिक्षक का पुन: जांच कराया जा रहा है़। शिकायत पर एसटीएफ ने जब जांच किया तो पाया कि विकास खंड नौगढ़ के कंपोजिट विद्यालय बसौनी में कार्यरत शिक्षक रमाकांत का वास्तविक नाम कलाधर पुत्र हरिराम है और बस्ती जनपद के लालगंज थानाक्षेत्र के ग्राम बजहा के वास्तविक निवासी हैं। जांच में इनको जनपद सुल्तानगंज के कुड़वार विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय नीरसहिया में कार्यरत रमाकांत पुत्र सूर्यनारायण मिश्र के अंकपत्र पर नौकरी करता हुआ पाया गया। इनके सगे भाई शीशधर बलिया जनपद के थाना रसड़ा के उच्च प्राथमिक विद्यालय रसड़ा में कार्यरत शिक्षक महेंद्र नाथ के नाम पर सिद्धार्थनगर जनपद के शोहरतगढ़ विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय मकनपुर में नौकरी कर रहे थे। दोनों को संदिग्ध पाए जाने पर बीते वर्ष सितंबर माह से विभाग ने नोटिस देकर कार्यालय में उपस्थित होने को कहा तो ये दोनों ही विद्यालय से फरार हो गए। अब सत्यापन में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद दोनों को बर्खास्त कर मुकदमा पंजीकृत कराने का निर्देश बीएसए ने दिया है। दोनों ने 1997 में गुरुजी की नौकरी हथियाई थी। इतने वर्षो में दोनों द्वारा वेतन व अन्य मद में लाखों विभाग से लिया गया है। अब विभाग को इनसे इस रकम की वसूली की कार्रवाई भी करनी होगी। एसटीएफ की जांच में इटवा विकास खंड में कार्यरत एक शिक्षक के अंकपत्र कूटरचित मिले हैं, परंतु आरोपी शिक्षक द्वारा अपने पक्ष में कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं जिसके आधार पर विभाग पुन: जांच कराने में जुट गया है। बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि एसटीएफ जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि होने पर बर्खास्तगी की गई है। बीईओ को मुकदमा पंजीकृत कराने का निर्देश दिया गया है।