अब हाईटेक सुरक्षा घेरे में रहेगा न्यायालय परिसर
जिला एवं सत्र न्यायालय को हाईटेक सुरक्षा प्रदान की गई है। प्रदेश के कचहरी परिसरों में हो रही घटनाओं को संज्ञान में लेने के बाद यह कवायद शुरू की गई है। एयरपोर्ट की तर्ज पर सभी व्यक्तियों की जांच की जा रही
सिद्धार्थनगर : जिला एवं सत्र न्यायालय को हाईटेक सुरक्षा प्रदान की गई है। प्रदेश के कचहरी परिसरों में हो रही घटनाओं को संज्ञान में लेने के बाद यह कवायद शुरू की गई है। एयरपोर्ट की तर्ज पर सभी व्यक्तियों की जांच की जा रही है। किसी धातु को पकड़ने के लिए डीएफएमडी (डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर ) और एचएचएमडी (हैंड होल्ड मेटल डिटेक्टर) मशीनों से जांच की व्यवस्था है। अत्याधुनिक कंट्रोल रूम से सभी पर निगाह रखने की व्यवस्था की गई है। पूरे परिसर की सीसीटीवी, ड्रोन व बुलेट कैमरे लगा दिए गए हैं।
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गेट नंबर एक पर लगी एक्सरे बैगेज मशीन
कचहरी के गेट नंबर एक पर एक्सरे बैगेज मशीन लगाई गई है। इस मशीन से वादकारियों के सामानों की जांच की जा रही है। झोले और बैग में रखे सभी सामान को एक्सरे मशीन से देखा जा रहा है। संदिग्ध वस्तु मिलने पर तत्काल पूरे सामान की सघन जांच की जाएगी। छह स्थानों पर डीएफएमडी मशीन व छह एचएचएमडी मशीन से संदिग्धों की जांच होगी।
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26 ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से रहेगी सभी पर निगाह
कचहरी परिसर में लोगों पर निगाह रखने के लिए 26 ड्रोन और पीटीजेड सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। पीटीजेड कैमरा चारों ओर घूमने में सक्षम होता है। दो बुलेट कैमरा भी लगा है। यह कैमरा करीब पांच सौ मीटर दूरी तक की निगरानी करने में सक्षम है। इसके लिए दो बड़े एलइडी स्क्रीन का कंट्रोल रूम स्थापित किया है।
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25 पुलिस कर्मियों की टीम करेगी सुरक्षा
कचहरी परिसर की सुरक्षा में 25 पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। प्रभारी पुलिस चौकी न्यायालय परिसर बाबूलाल को लखनऊ में सुरक्षा ड्यूटी के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यहां एक-एक निरीक्षक व एसआइ, तीन मुख्य आरक्षी, 13 आरक्षी और छह महिला आरक्षियों को लगाया गया है।
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न्यायालय परिसर की सुरक्षा को लेकर पुलिस गंभीर है। सुरक्षा उपकरणों का संचालन कार्यदायी संस्था के इंजीनियर करेंगे। पुलिस कर्मियों को चिन्हित सभी स्थानों पर तैनात किया गया है। इनके सहयोग के लिए डेढ़ सेक्शन पीएसी के जवानों को भी लगाया गया है।
विजय ढुल
पुलिस अधीक्षक