चीनी मिल की उदासीनता से गन्ना किसान परेशान
चीनी मिल की उदासीनता के कारण क्षेत्र के गन्ना किसानों की मायूसी खत्म नहीं हो रही है गन्ना नकदी फसल मानी जाती है। इसलिए लोगों की रुचि इस फसल की तरफ अधिक है परंतु मिल की उदासीनता के कारण क्षेत्र के किसानों ने गन्ना बोआई पर लगभग विराम लगा दिया है।

सिद्धार्थनगर: चीनी मिल की उदासीनता के कारण क्षेत्र के गन्ना किसानों की मायूसी खत्म नहीं हो रही है गन्ना नकदी फसल मानी जाती है। इसलिए लोगों की रुचि इस फसल की तरफ अधिक है, परंतु मिल की उदासीनता के कारण क्षेत्र के किसानों ने गन्ना बोआई पर लगभग विराम लगा दिया है। समय से पैसे का भुगतान न होना और तौल में भारी परेशानी के कारण किसानों ने इस फसल से मुंह मोड़ लिया है।
हिजुरा, चौखड़ा और हथियवा इन तीनों क्त्रय केंद्रों की हालत खस्ता है। स्थिति यह है कि इन केंद्रों पर गन्ना ढुलाई के लिए केवल एक ट्रक लगाया गया है जबकि चार मजदूरों की एक टोली ही इन केंद्रों पर गन्ना लादने का काम कर रही है। जब एक केंद्र पर गन्ना लादा जाता है तो शेष दोनों केंद्र के किसानों को इंतजार करना पड़ता है।
हिजुरा क्रय केंद्र पर ऐसी स्थिति दिखी। काटा बाबू रविंद्र सिंह में बताया कि हम हमेशा केंद्र पर तौल के लिए तैनात रहते हैं। लेकिन ट्रक और मजदूर की कमी के कारण समय से तौल नहीं हो पाती। जब ट्रक और लेबर रहेंगे तभी तो तौल संभव है। सेंटर पर मिले किसान राम ललित ने बताया कि 20 दिन के बाद आज मेरा गन्ना तौला जाएगा यह आश्वासन मिला है, लेकिन अभी तो ट्रक ही नहीं आया। प्रताप यादव ने कहा कि दो साल का बकाया भी अभी बाकी है इसलिए अब गन्ना खेती करने की इच्छा नहीं होती। बभनान चीनी मिल के सीडीओ चरण सिंह ने कहा कि सड़क खराब होने के कारण कोई भी ट्रासपोर्टर इस मार्ग पर ट्रक लगाने को तैयार नहीं है, इसलिए समस्या हो रही है।
Edited By Jagran