Move to Jagran APP

विश्वविद्यालय में मनाया गया हिदी दिवस

हिदी को राज भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामित 30 सदस्यों की समिति ने संविधान सभा में अपनी बात आज के ही दिन 14 सितम्बर 1949 को एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। जिसकी लिपि देवनागरी तथा अंक रोमन होंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 10:49 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:29 AM (IST)
विश्वविद्यालय में मनाया गया हिदी दिवस
विश्वविद्यालय में मनाया गया हिदी दिवस

सिद्धार्थनगर : हिदी को राज भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामित 30 सदस्यों की समिति ने संविधान सभा में अपनी बात आज के ही दिन 14 सितम्बर 1949 को एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। जिसकी लिपि देवनागरी तथा अंक रोमन होंगे।

loksabha election banner

उक्त बातें कुलपति प्रो. सुरेन्द्र दुबे ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के हिदी विभाग में आयोजित हिदी दिवस के कार्यक्रम में के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि उक्त निर्णय से दक्षिणी भारत के प्रान्तों में मुख्य रूप से तमिलनाडु ने इसका विरोध कर दिया। फिर 1955 ई. में राष्ट्रपति द्वारा एक समिति का गठन किया गया और समिति ने समीक्षा कर यह सुझाव दिया कि जब तक अन्य प्रांतों को हिदी का ज्ञान नही हो जाएगा तब तक हिदी के साथ अंग्रेजी भी चलती रहेगी। कुलपति ने कमालपाशा, महात्मा गांधी, माओत्सेलंग एवं हम्बोल्ट जैसे विद्वानों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए विद्याíथयों को पूरी जानकारी दी। कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती जी के चित्र पर कुलपति व अन्य शिक्षकों ने पुष्प अíपत कर दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। जय सिंह यादव, डॉ. दीपक बाबू, डॉ. शिवम शुक्ला, डॉ. दिनेश प्रसाद, डॉ. डॉ.सन्तोष सिंह, डॉ. अरुण द्विवेदी, सतीश जायसवाल, अंगद तिवारी, अजय सिंह, राजकमल, रविन्द्र आदि उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.