उमस भरी गर्मी में रुला रही बिजली
क्वार का महीना है। उमस ऐसी की बदन पर हमेशा पसीना मोतियों की तरह चमकता रहा है। लोगो की नींद गायब है। घूम टहल कर दिन तो गुजर जाता है पर रात बैरी बन जाती है। लोग गांव की गलियों व अपने घरों की छतों पर टहल कर रात पूरी कर रहे हैं।
सिद्धार्थनगर : क्वार का महीना है। उमस ऐसी की बदन पर हमेशा पसीना मोतियों की तरह चमकता रहा है। लोगो की नींद गायब है। घूम टहल कर दिन तो गुजर जाता है पर रात बैरी बन जाती है। लोग गांव की गलियों व अपने घरों की छतों पर टहल कर रात पूरी कर रहे हैं।
इससे उनके दिन के कामकाज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वह काम करते झपकी लेते नजर आते हैं। पूछने पर बस यही जवाब रहता है कि बाबू बिन बिजली नींद भी बैरन हो गई। इस स्थिति में उन्हें अपने व्यापार में नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। डेढ़ सौ गांव को आपूर्ति करने वाले पथरा विद्युत उपकेंद्र में वैसे तो बिजली की आपूर्ति की अवधि निर्धारित करना मुश्किल है फिर भी पांच से छह घंटे बामुश्किल आपूर्ति मिल रही है। वह भी कब आएगी कब जायेगी यह कह पाना भी मुश्किल है। भोजन करते समय कभी आ गई तो हाथ धोते वक्त गुल हो जाती है। विद्युत संकट से आम लोग पूरी तरह अब त्रस्त हो चुके हैं। सभी में विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त हो रहा है। कुछ लोगों का तो यह तक कहना है कि एक महीने उमस में बिजली मिल जाती उसके बाद कम ही मिलती तो चल जाता पर विद्युत व्यवस्था किसी की सुनने को तैयार ही नही है। उपभोक्ता दिलीप कुमार, ओम प्रकाश, माणिकचंद्र , सोनू तिवारी, आशुतोष मणि त्रिपाठी, अंजलि त्रिपाठी आदि ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि अतिशीघ्र 18 घंटे विद्युत की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।