फर्जी नियुक्ति की जांच नहीं कर पाए एडी बेसिक
बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय में अनियमित ढंग से बाबू और सहायक अध्यापकों की नियुक्ति और तैनाती की जांच के लिए गुरुवार को पहुंचे सहायक शिक्षा निदेशक डॉ सत्य प्रकाश त्रिपाठी को बैरंग लौट जाना पड़ा। न तो बीएसए मिले और न ही जांच के लिए संबंधित आरोपितों ने उन्हें पत्रावली दी। सात जुलाई को पुन जांच के लिए एडी बेसिक आएंगे।
सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय में अनियमित ढंग से बाबू और सहायक अध्यापकों की नियुक्ति और तैनाती की जांच के लिए गुरुवार को पहुंचे सहायक शिक्षा निदेशक डॉ सत्य प्रकाश त्रिपाठी को बैरंग लौट जाना पड़ा। न तो बीएसए मिले और न ही जांच के लिए संबंधित आरोपितों ने उन्हें पत्रावली दी। सात जुलाई को पुन: जांच के लिए एडी बेसिक आएंगे।
बीएसए कार्यालय में तैनात एक कनिष्ठ लिपिक और विकास खंड नौगढ़ के सहायक अध्यापक के गठजोड़ से अवैध और नियम विरुद्ध नियुक्तियां, वेतन भुगतान, संबद्धीकरण करके भ्रष्टाचार किए जाने की जांच होनी है। प्राथमिक विद्यालय के 16448 सहायक अध्यापक भर्ती अंतर्गत 14 मार्च 2020 को पांच अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर अवमानना याचिका नीरज कुमार पांडेय बनाव उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को आधार बनाकर किया गया है। यह याचिका 29334 भर्ती से संबंधित है। शासन और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की अनुमति के बिना पद की रिक्तता न होने पर भी नियुक्ति हुई है, जो शिक्षा मित्र कोटे से है। जिन्होंने दुरस्त शिक्षा विधि से बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वेतन भुगतान सत्यापन के बाद होता है, बावजूद सहायक अध्यापक के पद पर उच्च प्राथमिक विद्यालय महरिया की नियुक्ति गलत तरीके से होने का आरोप है। विकास खंड जोगिया में कार्यरत शिक्षा मित्र एवं शिक्षक को कार्यालय में संबद्ध किया गया है। जो बिना काम के वेतन उठाते हैं। कार्यालय में संविदा आशुलिपिक की नियुक्ति और प्राथमिक विद्यालय जमलाजोत की प्रभारी प्रधानाध्यापिका को भी नियम के विपरीत तैनाती की गई है। इस मामले में बीएसए केएस वर्मा ने कहा कि मैं कमिश्नर के यहां एक मीटिग में था, इस कारण नहीं आ सका।
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सिद्धार्थनगर के सिसवा बुजुर्ग निवासी शैलेश कुमार ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश लखनऊ, बेसिक शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से बेसिक शिक्षा कार्यलय में फर्जी तरीके से नियुक्ति और तैनाती की शिकायत की थी, जिसपर शासन ने मुझे जांच सौंपी है। प्रकरण गंभीर है। जांच के लिए आया था, लेकिन बीएसए मौजूद नहीं थे। संबंधित पत्रावली भी मुझे नहीं उपलब्ध कराई गई। फिर जांच के लिए आना पडेगा।
डॉ सत्य प्रकाश त्रिपाठी
सहायक शिक्षा निदेशक-बेसिक
गोरखपुर