हैंडपंप से निकल रहा दूषित जल, बच्चों की सेहत को खतरा
पूर्व माध्यम विद्यालय बिस्कोहर में दो इंडिया मार्क हैंडपंप लगे हैं दोनों से दूषित पानी निकल रहा है। पानी में तेल जैसी दुर्गंध आ रही है।
सिद्धार्थनगर : संक्रामक बीमारियों से बचने से चिकित्सकों सहित विशेषज्ञों की ओर से शुद्ध पानी पीने की सलाह दी जाती है। परंतु नगर पंचायत बिस्कोहर में कुछ ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं जहां या तो हैंडपंप खराब हैं अथवा दूषित जल उगल रहे हैं। ऐसे में स्कूली बच्चों की सेहत कब बिगड़ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। शिक्षा विभाग से लेकर नगर निकाय के जिम्मेदार इस दिशा में उदासीन बने हुए हैं। पूर्व माध्यम विद्यालय बिस्कोहर
इस विद्यालय में दो इंडिया मार्क हैंडपंप लगे हैं, दोनों से दूषित पानी निकल रहा है। पानी में तेल जैसी दुर्गंध आ रही है। यहां 329 बच्चों का नामांकन हैं। पेयजल के लिए बच्चों को परेशान होना पड़ता है। मिड-डे मील योजना अंतर्गत भोजन बनाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय प्रथम
बिस्कोहर के इस विद्यालय परिसर में एक हैंडपंप लगा है, उसमें से भी दूषित पानी निकल रहा है। छोटी देसी नल लगी है और उसी से पानी की टंकी को को सप्लाई दी गई है। इस पानी की शुद्धता भी सवालों के घेरे में है। बार-बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अनजान बने हैं। कंपोजिट विद्यालय कोहड़ौरा
कंपोजिट सहित यहां दो विद्यालय हैं, पेयजल की सुविधा के लिए अलग-अलग हैंडपंप लगे हैं। दोनों हैंडपंप से दूषित जल निकल रहा है। शिक्षक व बच्चे घर से पीने का पानी लाते हैं। मजबूरी में जो नहीं लाते, वह दूषित पानी का सेवन करते हैं। हाथ धोने में चर्म रोग फैलने की आशंका से सभी भयभीत रहते हैं। क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक उमाकांत गुप्ता ने बताया कि पेयजल संकट के चलते बच्चों को घर से पानी लाना पड़ता है। शिकायत की गई, लेकिन हैंडपंप ठीक नहीं कराए गए। प्रधानाध्यापक गोपेश दुबे का कहना है कि दूषित जल से संबंधित समस्या की जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी गई, परंतु अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि एक अन्य प्रधानाध्यापक अभय सिंह ने कहा कि पेयजल की दिक्कत है, बच्चे देसी नल का पानी पीने को मजबूर हैं। कई बार शिकायत की गई, पर समस्या का समाधान नहीं हो सका है। ''खराब हैंडपंप का सर्वे करा रहे हैं। जो मरम्मत की स्थिति में हैं, उसकी मरम्मत कराई जाएगी। रिबोर वाले हैंडपंप को ठीक कराने के लिए जल निगम विभाग को पत्र भेजा जाएगा।
विंध्याचल प्रसाद, अधिशासी अधिकारी, बिस्कोहर