ठंड की वजह से घरों में रहने को लोग विवश
घने कोहरे के बीच गलन जनमानस को कंपकपा रही है। आज सुबह से दोपहर तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। कुछ लोग घरों से बाहर निकले की जिनकी बहुत मजबूरी थी नहीं तो लोग घरों में ही रहने को विवश हुए।
सिद्धार्थनगर :हर दिन की ठंड पिछले दिन के रिकार्ड को तोड़ रही है। घने कोहरे के बीच गलन जनमानस को कंपकपा रही है। आज सुबह से दोपहर तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। कुछ लोग घरों से बाहर निकले की जिनकी बहुत मजबूरी थी, नहीं तो लोग घरों में ही रहने को विवश हुए। सन्नाटे के बीच सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आए।
शाम होते ही कोहरे का प्रकोप शुरू हो जाता है, जो पूरी तरह छाया रहता है। एक घंटे की यात्रा, दो-ढाई घंटे में पूरी हो रही है, वह भी तमाम खतरों के बीच। जो कोहरे में फंसा, उनकी सांसें तब तक अटकी रहीं, जब तक वह अपने स्थान पर पहुंच नहीं पाए। रात क्या का दिन में भी कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहता है। सोमवार को भी सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए। ठंड से बचाव की दिशा में प्रशासन का रवैया निरंतर शिथिलता बना रहा। ब्लाक हो या तहसील कार्यालय, वहां भी सन्नाटे जैसी स्थिति रही। अधिकारी व कर्मचारी ही दिखाई दिए। सोमवार को तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रहा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 19 व न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के मौसम विशेषज्ञ सूर्य प्रकाश सिंह ने कहा कि अभी ठंड से राहत मिलने की संभावना नहीं है। कोहरे का प्रकोप भी अभी बना रहेगा। जनमानस सहित किसानों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कड़ाके की ठंड में प्रशासन का इंतजाम ठंडा
सिद्धार्थनगर : एक सप्ताह से घने कोहरे व निरंतर चल रही पछुवा हवा ने गांव व शहर को कंपा दिया है। ठंड ऐसी है कि प्रशासन इंतजाम को भी ठंडा कर दिया है। व्याकुल आम जनमानस अपने घरों दुबका है। वहीं इससे सबसे अधिक परेशान गरीब प्रशासन के बुझे अलाव के जलने की राह देख रहे हैं।
कोहरे के कारण दिन और रात एक समान दिखाई पड़ रहे हैं। जिसके कारण सड़कों पर वाहनों के रफ्तार भी धीमी हो गयी है। तहसील क्षेत्र के करही, डिड़ई, करमा बाजार, गजहड़ा चौराहा, राम नगर, लौहरौली, मसिनाखास, आदि चौराहों व बाजारों की रौनक धीमी पड़ गयी है। गवई क्षेत्र के लोग रोजमर्रे के सामान की खरीदारी करने के लिए ही घरों से निकल रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जिम्मेदार क्या जाने ग्रामीणों की हालत। उनके पास तो सारी सुविधा उपलब्ध ही है। प्रशासन कंबल वितरण तो दूर एक पखवारे से बुझे अलाव तक को जलवा नहीं रहा। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जग प्रवेश ने कहा कि जहां भी अलाव नहीं जल रहे मैं पता करवाता हूं। सभी लेखपालों को इस ठंड में नियमित अलाव जलते रहने की हिदायत दे रखी है, कहीं भी लापरवाही मिली तो कार्रवाई करूंगा।
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