बोआई के समय नहर की सफाई, कैसे मिले पानी
सेमरी रजवाहे की बात करें तो यह नहर दर्जनों गांवों के किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। देवरिया मूसा परसा जिगिना सेमरी चौखड़िया सोननगर विशुनपुर पटना बेलहसा आदि गांवों के किसानों को इस नहर से पानी मिल जाता था। इधर एक वर्ष से नहर में पानी नहीं है। जबकि इन दिनों नहर में सफाई कार्य भी चल रहा है।
सिद्धार्थनगर : सिचाई विभाग की मनमानी का भी कोई जवाब नहीं है। जब चाहिए, तब नहरों की सफाई नहीं कराई जाती है। इधर सिचाई का मौसम शुरू हो गया है, तो नहर में सफाई कार्य प्रारंभ कराया गया। अब जब नहरों की सफाई हो रही है, फिर भला खेतों में पानी पहुंचे तो कैसे पहुंचे। मजबूरी में किसान निजी संसाधन का सहारा ले रहे हैं। जहां महंगाई उनकी कमर तोड़ने का काम कर रही है।
सेमरी रजवाहे की बात करें, तो यह नहर दर्जनों गांवों के किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। देवरिया, मूसा, परसा, जिगिना, सेमरी, चौखड़िया, सोननगर, विशुनपुर, पटना, बेलहसा आदि गांवों के किसानों को इस नहर से पानी मिल जाता था। इधर एक वर्ष से नहर में पानी नहीं है। जबकि इन दिनों नहर में सफाई कार्य भी चल रहा है। गेहूं बोआई के लिए यह समय बहुत उपयुक्त है। परंतु पानी न होने के कारण लोग निजी संसाधन से खेतों में पानी पहुंचा रहे हैं।
डब्लू ने बताया कि बोआई का समय शुरू हो गया है। खेतों में नमी नहीं है। नहर सूखी पड़ी है। अब गेहूं की बुआई करानी है, तो फिर पंपसेट का सहारा लेना ही पड़ेगा।
दुक्खी का कहना है कि अधिकतर ऐसा होता है कि जब आवश्यकता होती है, तो नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता है। नहर की सफाई करानी थी, तो पहले ही करा लेना चाहिए।
असलम ने कहाकि नहर होने के बाद भी इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा है। जो सफाई कार्य हो रही है, उसकी भी जांच होनी चाहिए, जिससे सफाई कार्य में मनमानी न होनी पाए।
अब्दुल वकील ने कहा कि साल भर से नहर में पानी नहीं है। डीजल का दाम 80 रुपया लीटर है। एक बीघा खेत में 7-8 घंटे पानी चलाना पड़ता है, लाकडाउन जैसे माहौल में कहां से पैसा लाया जाए।
अधिशासी अभियंता संतोष कुमार ने कहा कि पानी छोड़ने के लिए रोस्टर निर्धारित रहता है। वैसे सेमरी रजवाहे में सफाई कार्य भी इन दिनों चल रहा है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में पानी छोड़ा जाएगा।
बीज पर मिल रहा अनुदान, किसान उठाएं लाभ
सरकार किसानों को अनुदान पर बीज दे रही है। सभी किसान इसके लिए जरूरी औपचारिकता को पूर्ण कराते हुए इसका लाभ उठाएं।
राजकीय कृषि बीज भंडार खुनियांव (बढ़या) के प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया कि सभी बीजों पर 50 फीसद का अनुदान दिया जा रहा है। किसान अपने साथ आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक अवश्य लाएं। प्रति एकड़ 40 किलो, अधिकतम पांच एकड़ पर दो क्विंटल बीज देने का नियम है। बीज लेते समय पूरा पैसा किसानों को जमा करना होगा। सब्सिडी का पैसा 15 दिन के अंदर उनके खाते में वापस हो जाएगा। इस समय बीज भंडार पर एचडी- 2967 आधारीय व प्रमाणित तथा एचडी- 3086 आधारीय व प्रमाणित बीज उपलब्ध है। प्रमाणित बीज 3580 रुपये व आधारीय प्रजाति के बीज का मूल्य 3815 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। जो भी किसान बीज लेना चाहते हों वह कार्यालय में आकर जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर लें।