सिविवि ने जारी की शोध पात्रता परीक्षा का परिणाम
सद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरि बहादुर श्रीवास्तव ने मंगलवार को शोध पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित किया। विश्वविद्यालय के अधिकृत वेबसाइड पर परीक्षाफल अपलोड कर दिया गया है।
सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरि बहादुर श्रीवास्तव ने मंगलवार को शोध पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित किया। विश्वविद्यालय के अधिकृत वेबसाइड पर परीक्षाफल अपलोड कर दिया गया है। साक्षात्कार की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। परीक्षा व साक्षात्कार के कुल योग के आधार पर सफल शोध पात्रों का चयन किया जाएगा।
कुलपति ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान में शोध कार्य उपयोगी है। उच्च शिक्षण संस्थान की पहचान शोध और अन्वेषण के माध्यम से प्राप्त उपलब्धि के आधार पर की जाती है। प्रयास किया जा रहा है कि सिविवि को एजुकेशनल हब के मार्ग पर आगे बढ़ाया जाए। शैक्षिक और आर्थिक ²ष्टि से पिछड़े हुए इस पर क्षेत्र के लिए शोध के माध्यम से युवा वर्ग में भविष्य की नई संभावना बनने लगी है। परीक्षा के समन्वयक प्रो. सुशील कुमार तिवारी ने कहा लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर परीक्षा परिणाम उपलब्ध है। जल्द ही सफल प्रतिभागियों तथा नेट और जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए साक्षात्कार की तिथि घोषित होगी। इसी के आधार पर अंतिम चयन किया जाएगा। कुलसचिव राकेश कुमार,अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. हरीश कुमार शर्मा, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय डा. दीपक बाबू, सहायक कुलसचिव दीनानाथ यादव, उपकुलसचिव शेख अंजुम आदि मौजूद रहे। राष्ट्र की उन्नति में बालिकाओं की महती सहभागिता सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र की ओर से मंगलवार को राष्ट्र की उन्नति में बालिकाओं की सहभागिता विषयक आनलाइन व्याख्यान का आयोजन हुआ। बालिकाओं को सशक्त बनाने पर सभी ने विचार व्यक्त किए। महिला सुरक्षा से संबंधित कानून की जानकारी दी गई।
महिला अध्ययन केंद्र की नोडल अधिकारी डा. नीता यादव ने कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए शासन स्तर से कई योजनाएं संचालित हैं। आवश्यकता है कि यह योजनाएं धारातल पर मूर्त प्राप्त करें। लोक प्रशासन विभाग की अध्यक्ष डा. सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि महिला सुरक्षा कानून की जानकारी देने के लिए स्कूल व कालेज में जागरूकता अभियान चलाया जाए। हिदी विभाग की आचार्य डा. रेनू त्रिपाठी ने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित करना आवश्यक है। इसके लिए अभिभावकों को जागरूक होना होगा। राजनीति विभाग की आचार्य डा. सरिता सिंह ने कहा छात्राओं को स्वालंबी बनाया जाए। इसके लिए शिक्षक, अभिभावक व स्वजन को आगे आना होगा। संस्कृत विभाग की डा. आभा द्विवेदी ने कहा कि जो बालिका घर से बाहर निकलती हैं वे अवश्य ही विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने लगती हैं, लेकिन जो घर में रह जाती हैं उनकी स्थिति में आज भी सुधार नहीं है। कला संकाय के प्रो. हरीश शर्मा, हिदी विभाग के आचार्य डा. जय सिंह यादव, भौतिकी विभाग की डा. मनीषा बाजपेयी, इतिहास विभाग की डा. वंदना गुप्ता आदि मौजूद रहे।