शहरवासियों को चाहिए गंदगी से निजात
सिद्धार्थनगर:निकाय चुनाव का प्रचार जोर पकड़ रहा है। शहरी निकाय के अध्यक्ष से लेकर सभासद त
सिद्धार्थनगर:निकाय चुनाव का प्रचार जोर पकड़ रहा है। शहरी निकाय के अध्यक्ष से लेकर सभासद तक के उम्मीदवार मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए एक से एक दावे कर रहे हैं। कमोबेश सबके वादे एक से हैं। हर कोई विकास का वादा कर रहा है। उधर मतदाताओं का कहना है कि हर चुनाव में वादे होते हैं, पर उसे भुला दिया जाता है। दैनिक जागरण लोगों की समस्याओं व चुनावी मुद्दों की लगातार पड़ताल कर रहा है। इस कड़ी में बुधवार को शहर के विभिन्न मोहल्लों की पड़ताल की गई। इस दौरान शहर की दोहरी तस्वीर नजर आई। कहीं विकास के नाम पर सड़कों व नालियों का विस्तार हुआ है, तो कहीं जर्जर सड़क, क्षतिग्रस्त नालियां समेत कई परेशानियां बरकरार है। इन सबके बीच गंदगी तकरीबन हर मोहल्ले की समस्या है। जिससे निजात पाने की लोगों में बेचैनी दिख रही है, पर भरोसा कम है। इनकी समस्याओं व लोगों की राय पर आधारित यह रिपोर्ट।
मोहल्ले की बड़ी आबादी बिजली की समस्या को लेकर परेशान है। मोहल्ले में बिजली के तारों का जंजाल फैला हुआ है जो आए दिन दुर्घटना को दावत दे रहा है। बिजली के तारों के आपस में सटे होने के कारण कई बार शार्टसर्किट के चलते हादसे भी हो चुके हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों ने कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
शहर के मुख्य बाजार के पास के इस वार्ड में सबसे बड़ी समस्या गंदगी को लेकर है। इसके अलावा जर्जर सड़के व जाम नालियां के कारण मोहल्ले में कई जगहों पर बदबू के कारण लोगों का रास्ते से आना जाने में मुश्किल हो रही है। वार्ड के निवासी बताते है कि सफाई कर्मचारी सप्ताह में एक से दो बार ही आता है। सड़कों की सफाई कर कचरा को खाली जगह पर रख कर चला जाता है।
मोहल्ले की मुख्य नाली कूड़े के कारण पूरी तरह से जाम हो गई है, जिसके कारण मोहल्ले की आधे से अधिक नालियों का पानी बाहर बह रहा है। नालियों की पिछले कई महीनों से सफाई न होने के कारण नालियों में कूड़ा भर गया है जिससे की पानी का बहाव बहुत कम रह गया है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि यह समस्या मोहल्ले में नालियों के आस पास कूड़ा जमा होने के कारण हुआ है।
मोहल्ले में जगह-जगह कूड़े का ढेर इकट्ठा हो जाने के कारण बदबू फैल रहा है। मोहल्ले की नालियां पूरी तरह से सिल्ट से भरी हुई है जिससे कारण अधिकांश नालियां जाम है। जिसके कारण मोहल्ले में जल निकासी की समस्या हमेशा बनी रहती है। बरसात में पानी मोहल्ले में कई-कई दिनों तक भरा रहता है। जल निकासी और मोहल्ले में कूड़े का ढ़ेर सबसे बड़ी समस्या है।
शहर की पुरानी बस्तियों में से एक कृष्णा नगर। चौड़ी सड़कों के बजाए अधिकांश तंग गलियां। नालियों के क्षतिग्रस्त होने से सड़कों पर जहां तहां बहता गंदा पानी। सफाई कार्यों में लापरवाही का नतीजा है कि मोहल्ले के भीतरी इलाकों में सड़क के किनारे कचरा जमा रहना,इसकी पहचान बन गई है। बरसात में हालात और नारकीय हो जाते हैं।
मोहल्ले की घनी आबादी को गंदगी से निजात चाहिए। यहां जाम नालियों के चलते सड़कों पर गंदा पानी बहते रहने की लोगों की शिकायत है। मोहल्ले के दर्जनों परिवारों के घरों का पानी नाली के अभाव में एक गड्ढे में जमा होता है। जिससे संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा निर्मित नालियों में पानी का बहाव न होने से परेशानी बढ़ जाती है।
शहर की पुरानी बस्तियों में प्रमुख आजाद नगर में हर कदम पर बुनियादी समस्याएं नजर आती हैं। शहर का यह ऐसा मोहल्ला है, जहां के दर्जनों घरों में अब तक बिजली नहीं पहुंची हैं। सड़कें कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नालियों की परेशानी भी बरकरार है। गंदगी की शिकायतें आम है। जिसके चलते शहर में रहते हुए भी मोहल्ले की बड़ी आबादी नारकीय जीवन जीने को मजबूर है।
बेलसड़ मोहल्ले में कई जगह चौड़ी सड़कें हैं तो कई इलाके में गलियां हैं। जिनसे चारपहिया वाहन ले जाना आसान नहीं है। यहां के लोगों की भी शिकायत है कि सफाई कार्यों में घोर लापरवाही की जा रही है। सड़क के किनारे ही कुड़ा गिराकर सफाईकर्मी चले जाते हैं। जिससे उठते दुर्गंध के चलते राह चलना मुश्किल होता है। उधर सड़क व नालियों की मरम्मत न होने के कारण लगातार क्षतिग्रस्त होती जा रही है।
सिसहनियां मोहल्ले की बड़ी आबादी गंदगी से त्रस्त है। मोहल्ले के अधिकांश हिस्से में नियमित सफाई नहीं होती है। कूड़ेदान की व्यवस्था न कर सफाईकर्मी मोहल्ले का कचरा आबादी के बीच ही सड़क के किनारे हर दिन गिराते हैं। दूसरी तरफ अधिकांश नालियों के मानक के अनुसार निर्माण न होने से पानी का बहाव नहीं है।