भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए 13 ने ठोंकी दावेदारी
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बुधवार को भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। कुल 13 लोगों ने दावेदारी ठोंकी। प्रांतीय परिषद सदस्य पद के लिए भी नामांकन हुआ। पांच पदों के लिए सात उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। प्रत्येक विधानसभा से एक सदस्य का चयन होना है। 38 मतदाताओं ने लिखित में अपनी राय दी। अध्यक्ष पद का परिणाम 25 नवंबर को घोषित किया जाएगा।
सिद्धार्थनगर : पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बुधवार को भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। कुल 13 लोगों ने दावेदारी ठोंकी। प्रांतीय परिषद सदस्य पद के लिए भी नामांकन हुआ। पांच पदों के लिए सात उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। प्रत्येक विधानसभा से एक सदस्य का चयन होना है। 38 मतदाताओं ने लिखित में अपनी राय दी। अध्यक्ष पद का परिणाम 25 नवंबर को घोषित किया जाएगा।
रेस्ट हाउस में सुबह से ही गहमागहमी शुरू हो गई। निर्वाचन अधिकारी व पूर्व डिप्टी मेयर वाराणसी रामगोपाल मोहले की देखरेख में नामांकन प्रपत्र का वितरण हुआ। इसके बाद उम्मीदवारों ने नामांकन किया। दोपहर दो बजे तक मतदान की प्रक्रिया पूरी की गई। 19 मंडल अध्यक्ष और इतने ही जिला प्रतिनिधियों ने अध्यक्ष पद के लिए राय दी है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव को संपन्न कराने के लिए पीएन पाठक को जिला सह चुनाव अधिकारी के रूप में भेजा। सहयोग में हेमंत जायसवाल, विकास आदि लगे रहे। पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र मणि त्रिपाठी, रामकुमार कुंवर, कन्हैया पासवान, विनोद बाबा, श्यामसुंदर मित्तल आदि मौजूद रहे।
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इन्होंने की है दावेदारी
निवर्तमान जिलाध्यक्ष लालजी त्रिपाठी ने दूसरी बार जिलाध्यक्ष बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। क्षेत्रीय मंत्री गोविद माधव, जिला मंत्री दिलीप चतुर्वेदी, जिला मंत्री दीपक मौर्या, विजयकांत चतुर्वेदी, घनश्याम मिश्रा, शिवनाथ चौधरी, रामानंद वर्मा, अजय पांडेय, राजेंद्र साहनी, अरविद उपाध्याय, आनंद शंकर मिश्रा और उमेश पांडेय भी इस दौड़ में शामिल हैं। प्रांतीय सदस्य पद पर वैंकटेश मिश्रा, विनोद मिश्रा, पदमाकर शुक्ला, दयाशंकर, राजू कन्नौजिया, राजेंद्र दुबे और चंद्रभान पहलवान ने नामांकन किया है।
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आखिरी समय तक चला मान-मनौव्वल
अध्यक्ष पद पर चुनाव में नामांकन में कई उम्मीदवारों ने आखिरी समय में अपने पत्ते खोले। यह देख कई दिग्गज भौचक हो गए। काफी देर तक मान-मनौव्वल चलता रहा। एक उम्मीदवार ने खरा सा जवाब देते हुए कहा कि कितने दिनों तक कार्यकर्ता बना रहूं। उम्र भी धोखा देने लगी है, एक बार भाग्य आजमा कर देखा जाए। चार मंडल अध्यक्षों ने वोट करने का आश्वासन दिया है। दो का जुगाड़ बैठा लिया है, कमोबेश जीत पक्की है।