Move to Jagran APP

चेता प्रशासन, बंद गोशाला संचालित कराया

शहजाद अली पुत्र अजमत अली अपनी पत्नी शकीना खातून व अपने नवजात बच्ची नाजमीन को लेकर छप्पर के मकान में सोए थे। तभी अचानक झोपड़ी से धुंआ उठने लगा जिसे देख दंपती बच्ची सहित उठकर बाहर भागे। ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया गया लेकिन तब तक झोपड़ी में रखा अनाज रजाई गद्दा व सुटकेश में रखा कपड़ा आदि जल गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 10:50 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:50 PM (IST)
चेता प्रशासन, बंद गोशाला संचालित कराया
चेता प्रशासन, बंद गोशाला संचालित कराया

सिद्धार्थनगर: खेसरहा विकास क्षेत्र में बेसहारा पशुओं के आतंक से क्षेत्र के किसान परेशान हैं। ब्लाक क्षेत्र में संचालित एक गोशाला से इनकी बढ़ी आमद से किसान हलकान हो रहे। इसका संज्ञान लेकर दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में मात्र एक गोशाला से कैसे रुके पशुओं की धमाचौकड़ी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। संज्ञान लेकर प्रशासन ने बंद खेसरहा की गोशाला को संचालित करवा दिया। सड़कों से 120 पशुओं को पकड़कर गोशाला भेजवाया गया।

loksabha election banner

खबर का संज्ञान लेते हुए सीडीओ पुलकित गर्ग ने बीडीओ को अविलंब बेसहारा पशुओं को गोशाला में पहुंचाए जाने के लिए खेसरहा बीडीओ सुशील कुमार पांडेय को निर्देशित किया था। उनके निर्देश पर मुस्तैदी दिखाते हुए सुबह से ही ब्लाक कर्मी हरकत में आ गए। टीकुर, महुलानी, सकारपार, विशुनपुर सहित 12 गांवों से बेसहारा पशुओं को पकड़ा जाने लगा। खेसरहा गोशाला के पांच माह से बंद होने से कुछ जगहों पर इसकी घेराबंदी टूट गई थी। जिसे ठीक कराते हुए कुछ पशुओं को इसमें व कुछ को बत्सा गोशाला में पहुंचा दिया गया। गोशाला में पशुओं को रखने पर कुछ ग्रामीणों ने विरोध भी जताया पर पुलिस के पहुंचने पर लोग शांत हो गए।

बीडीओ खेसरहा सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि जमीन चिह्नित की गई हैं। जल्द ही हर न्याय पंचायत में गोशाला की स्थापना हो जाएगी। खेसरहा गोशाला को संचालित तो कर दिया पर इसे और भी सुदृढ़ किया जाएगा। बचे पशुओं को भी एक दो दिन के अंदर गोशाला भेज दिया जाएगा।

झोपड़ी में लगी आग, हजारों का नुकसान

थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत जंगलीपुर के टोला बंजाराडीह में शनिवार की रात करीब साढ़े नौ बजे एक रिहाइशी झोपड़ी में अज्ञात कारणों से आग लग गई।

शहजाद अली पुत्र अजमत अली अपनी पत्नी शकीना खातून व अपने नवजात बच्ची नाजमीन को लेकर छप्पर के मकान में सोए थे। तभी अचानक झोपड़ी से धुंआ उठने लगा, जिसे देख दंपती बच्ची सहित उठकर बाहर भागे। ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक झोपड़ी में रखा अनाज, रजाई गद्दा व सुटकेश में रखा कपड़ा आदि जल गया। पीड़ितों ने तहसील प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। तहसीलदार राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि लेखपाल से रिपोर्ट मांगी गई है, नियमानुसार सहायता की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.