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एसडीएम से वार्ता के बाद बाबा रामदास तो तोड़ा अनशन

गांव में प्रमुख मार्ग पर शौच और जगह-जगह गंदगी को लेकर बाबा काफी दिनों से मुखर हैं। समय-समय पर सफाई की मांग को लेकर आवाज उठाई परंतु जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो फिर वह उपजिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी को सूचना देते हुए भूख हड़ताल पर बैठकर अनशन शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 01:25 AM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 01:25 AM (IST)
एसडीएम से वार्ता के बाद बाबा रामदास तो तोड़ा अनशन
एसडीएम से वार्ता के बाद बाबा रामदास तो तोड़ा अनशन

सिद्धार्थनगर : त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत नंगा महादेव में प्राचीन शिव मंदिर पर रह रहे अयोध्याधाम के मनीराम छावनी के महन्थ बाबा नृत्यगोपाल दास महाराज के शिष्य नंगा महादेव निवासी बाबा रामदास महाराज स्वच्छता के मुद्दे पर शुक्रवार को अनशन पर बैठ गए थे। शनिवार की रात एसडीएम से वार्ता और स्वच्छता की दिशा में बेहतर कार्य कराने के आश्वासन पर उन्होंने अपना अनशन तोड़ दिया।

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गांव में प्रमुख मार्ग पर शौच और जगह-जगह गंदगी को लेकर बाबा काफी दिनों से मुखर हैं। समय-समय पर सफाई की मांग को लेकर आवाज उठाई, परंतु जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो फिर वह उपजिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी को सूचना देते हुए भूख हड़ताल पर बैठकर अनशन शुरू कर दिया। दूसरे दिन जब वह पूरे दिन अनशन पर बैठे रहे तो फिर रात में एसडीएम उत्कर्ष श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार महेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक रणधीर कुमर मिश्रा अनशन स्थल पर पहुंचे। जहां बाबा ने बताया कि सरकार की ओर से हर घर को शौचालय की सुविधा दी गई। कुछ लोग शौचालय बनाए तो कुछ पैसा खा गए हैं। ऐसे में सुबह-शाम बहुत सारे लोग बच्चों के साथ मुख्य मार्ग के निकट शौच पर बैठ जाते हैं। गंदगी से हर किसी का सुकून छिना रहता है। जिसके कारण उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा। उपजिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया है, सड़क के किनारे सफाई व्यवस्था बेहतर तरीके से कराई जाएगी। स्वच्छता दिखाई भी देगी। इसके बाद बाबा ने अनशन तोड़ने का फैसला लिया।

एआरपी संगठन की मांग पर बीएसए ने दिए जांच के निर्देश

सिद्धार्थनगर : बीएसए राजेंद्र सिंह ने बढ़नी ब्लाक में तैनात एआरपी उमेश गुप्ता के मामले की विभागीय जांच कराने के संबंध में निर्देश दिए हैं। बीइओ बढ़नी को जांच सौंपी गई है। एआरपी को कारण बताओ नोटिस जारी होने पर संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध दर्ज कराया था। सुनवाई नहीं होने की स्थिति में जनपद में कार्यरत 69 एआरपी ने सामूहिक त्यागपत्र देने की पेशकश की थी। एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हरिमोहन सिंह व महामंत्री विनयकांत मिश्रा ने बीएसए को बताया कि जिस शिकायती पत्र के आधार पर एआरपी को नोटिस जारी किया गया है, उसपर किसी भी शिक्षक, विद्यालय का नाम, पदनाम और मोबाइल नंबर नहीं लिखा है। शिकायती पत्र पर कंपोजिट विद्यालय फुलवरिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक शिवबालक का हस्ताक्षर है। प्रभारी प्रधानाध्यापक ने लिखित अवगत कराया है कि उनका फर्जी हस्ताक्षर बनाया गया है। एआरपी उमेश गुप्ता को जारी नोटिस को अग्रिम आदेश तक प्रभाव शून्य करने के संबंध में निर्देश दिया। रामसेवक गुप्ता, मुस्तन खान, संघशील, अनुपम सिंह, देवेंद्र, शिवम, विकास, रामनिवास, हेमंत, दीपेंद्र पांडेय, सुरेंद्र, मनोज पांडेय, सुभाष पांडेय, सुनील आदि मौजूद रहे।


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