तेज रफ्तार व डग्गामार वाहनों से हो रहे हैं हादसे
सड़कों पर डग्गामार वाहन बेखौफ फर्राटा भर रहे हैं। इन वाहनों के फिटनेस की जांच की जहमत कोई नहीं उठाता। वाहन चालक नशा की स्थिति में तेज रफ्तार से चल रहे हैं। इनके वाहनों की चपेट में लोग आते हैं कुछ की मौत हुई और अभी भी जिदगी से जंग लड़ रहे हैं। ओवरलोडेड वाहन ट्रैक्टर व ट्राली और जुगाड़ गाड़ी पर कोई रोक नहीं लग सकी है।
सिद्धार्थनगर : पुलिस यातायात माह मना रही है। लेकिन मार्ग दुर्घटनाओं को लेकर वह गंभीर नहीं है। सड़कों पर डग्गामार वाहन बेखौफ फर्राटा भर रहे हैं। इन वाहनों के फिटनेस की जांच की जहमत कोई नहीं उठाता। वाहन चालक नशा की स्थिति में तेज रफ्तार से चल रहे हैं। इनके वाहनों की चपेट में लोग आते हैं, कुछ की मौत हुई और अभी भी जिदगी से जंग लड़ रहे हैं। ओवरलोडेड वाहन, ट्रैक्टर व ट्राली और जुगाड़ गाड़ी पर कोई रोक नहीं लग सकी है। सड़कों पर आधे-अधूरे निर्माण कार्य भी वजह बन रहे हैं। कार्यदायी संस्था यहां पर किसी प्रकार का दिशा संकेतक भी लगाई है।
..
इस वर्ष हो चुकी है 61 दुर्घटनाओं में मौत
एक जनवरी से 30 सितंबर 2020 तक जिले में कुल 99 मार्ग दुर्घटना हुई है। इसमें 61 मामलों में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। 38 घटनाओं में पुलिस ने लापरवाही पूर्ण तरीके से वाहन चलाने का मामला दर्ज किया है।
तेज रफ्तार ने ली एक साथ सात लोगों की जान
16 नवंबर को सदर थाना क्षेत्र के भरविलया गांव के पास तेज रफ्तार कार पुलिया से टकरा कर पलट गई थी। कार में कपिलवस्तु कोतवाली के रक्सेल गांव निवासी दस लोग सवार रहे। घटना में उमेश, हिमांशु, सावित्री, शिवांगी, सरस्वती व कमलावती की मौके पर ही मौत हो गई थी। सविता, मुनील, गीता व शिवांशु को इलाज के लिए गोरखपुर मेडिकल कालेज भर्ती कराया गया। जहां एक बच्चे की मौत हो गई।
पुलि अधीक्षक राम अभिलाष त्रिपाठी ने कहा कि यातायात माह में वाहन चालकों को नियम की जानकारी दी जा रही है। इन्हें जागरूक किया जा रहा है। उल्लघंन करने वाले चालकों पर अर्थदंड भी लगाया जाता है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी घटना का स्वरूप ले लेती है। लोगों को नियम का पालन करना चाहिए।