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नहीं बने 76 गोआश्रय केंद्र, भटक रहे बेसहारा पशु

प्रदेश सरकार ने बेसहारा पशुओं के सरंक्षण के लिए गोआश्रय केंद्र खोलने का निर्देश दिया है। प्रत्येक न्याय पंचायत में केंद्र स्थापित किया जाना था लेकिन अभी तक 50 फीसद न्याय पंचायतों में केंद्र संचालित होने को कौन कहे 12 स्थान पर भूमि उपलब्ध होने के बाद भी उसका चिह्नांकन नहीं हो सका है। जबकि यह शासन की प्राथमिकता में शामिल है। इसके बाद भी जिम्मेदार इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:42 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 02:44 AM (IST)
नहीं बने 76 गोआश्रय केंद्र, भटक रहे बेसहारा पशु
नहीं बने 76 गोआश्रय केंद्र, भटक रहे बेसहारा पशु

सिद्धार्थनगर: प्रदेश सरकार ने बेसहारा पशुओं के सरंक्षण के लिए गोआश्रय केंद्र खोलने का निर्देश दिया है। प्रत्येक न्याय पंचायत में केंद्र स्थापित किया जाना था लेकिन अभी तक 50 फीसद न्याय पंचायतों में केंद्र संचालित होने को कौन कहे 12 स्थान पर भूमि उपलब्ध होने के बाद भी उसका चिह्नांकन नहीं हो सका है। जबकि यह शासन की प्राथमिकता में शामिल है। इसके बाद भी जिम्मेदार इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।

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जिले में 70 केंद्र का संचालन हो रहे हैं, उसमें भी अव्यवस्था के कारण 15 केंद्र बंद किए जा चुके हैं। आधा दर्जन ऐसे केंद्र हैं, जिसका निर्माण पिछले माह में भी पूरा नहीं हो सका है। गोआश्रय स्थलों के निर्माण पूरा नहीं होने के कारण बेसहारा पशु सड़कों को विचरण करने को मजबूर हैं। खेसरहा ब्लाक में तीन केंद्र ही संचालित हो रहे हैं जबकि यहां पर नौ जगहों पर भूमि उपलब्ध नहीं है। इसी तरह से बांसी में भंवारी में भूमि पर कब्जा है तो तिवारीपुर पश्चिम, बरदही नानकार, सोनखर, चेतिया, मधुकरपुर, बरांव नानकार व छतवा में भूमि उपलब्ध नहीं है। भनवापुर में सात जगहों पर भूमि उपलब्ध होने के बाद भी आश्रय स्थल नहीं बन सका है। डुमरियागंज में पांच जगहों पर भूमि उपलब्ध है, लेकिन चिह्नीकरण के अभाव में केंद्र के निर्माण की तैयारी को अंजाम नहीं मिल पा रहा है।

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तहसीलवार गोआश्रय स्थल की स्थिति

तहसील का नाम न्याय पंचायत संचालित गो-आश्रय स्थल असंचालित गो-आश्रय स्थल निर्माणाधीन

नौगढ़ 40 25 14 1

बांसी 40 14 24 2

शोहरतगढ़ 17 11 4 2

डुमरियागंज 30 11 19 0

इटवा 25 9 15 1

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शासन की मंशा के अनुसार पशुओं के लिए चारा-पानी का इंतजाम किया जा रहा है, जो केंद्र नहीं खुल पाए हैं अथवा जहां पर विवाद है वहां पर भी केंद्र का निर्माण कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी ने भी संबंधित को दिशा-निर्देश दिया है।

डा. ज्ञान प्रकाश

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

सिद्धार्थनगर


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