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बघिनी घाट पर सेतु के लिए 28.36 करोड़ स्वीकृत

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्राचीन समय से यहां विशाल मेला लगता है इस अवसर पर उस पार के लोग भी नाव में बैठकर आते हैं तथा घाट पर स्नान दान करते हैं ।मेले का आनंद भी उठाते हैं इतना ही नहीं इसी घाट पर क्षेत्र के लोग काशी और अयोध्या जैसा पावन मानकर शवों का अंतिम संस्कार भी करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 11:27 PM (IST)
बघिनी घाट पर सेतु के लिए 28.36 करोड़ स्वीकृत
बघिनी घाट पर सेतु के लिए 28.36 करोड़ स्वीकृत

सिद्धार्थनगर: अयोध्या धाम जैसा माने जाने वाले पवित्र एचरावती (राप्ती) के तट पर स्थित बघिनी घाट पर 28 करोड़ 36 लाख की लागत से सेतु का निर्माण स्वीकृत हो गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आशय के प्रपत्र पर हस्ताक्षर कर दिया। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने खुद ही ट्वीट कर के दी है। इसी के साथ क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों द्वारा आधी सदी से की जाने वाली मांग पूरी हो गई।

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विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कि मार्च तक कार्य प्रारंभ हो जाएगा तथा इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा स्वयं किया जाएगा। जन भावना को देखते हुए विधायक बनते ही सिंह इस घाट पर पुल निर्माण के लिए प्रयासरत थे उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री ने स्वयं बुलाकर स्कूल के स्वीकृत होने की जानकारी दी। बघिनी घाट, बनगवा ,पथरा बाजार ,कमरिया खुर्द ,कम्हरिया बुजुर्ग ,पाला, पाली ,जाल्हेखोर, सिसई कला ,सिसई खुर्द, बरगदी, मनिकौरा तिवारी ,मगरगाहा, बिमौआ कदम डड़वा व बरगदवा आदि दर्जनों गांव के लोग आज भी लकड़ी के नाव पर बैठकर ही इस पार से उस पार जाते हैं। चार पहिया वाहन से तो एक किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए बांसी - डुमरियागंज होकर जाना पड़ता है, जिससे लगभग 30 किलोमीटर का चक्कर हो जाता है। भाजपा जिलाउपाध्यक्ष, नीरज मणि त्रिपाठी, कुंवर विक्रम सिंह, मंडल अध्यक्ष रमेश धर द्विवेदी, श्याम पाठक, बाबा विष्णु गिरि, अजय बर्मा संजय कन्नौजिया, शिव प्रसाद चौधरी, हनुमंत प्रताप सिंह, दीपचंद जायसवाल आदि ने हर्ष व्यक्त किया है।

बघिनी घाट का है धार्मिक महत्व :

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्राचीन समय से यहां विशाल मेला लगता है, इस अवसर पर उस पार के लोग भी नाव में बैठकर आते हैं, तथा घाट पर स्नान दान करते हैं ।मेले का आनंद भी उठाते हैं, इतना ही नहीं इसी घाट पर क्षेत्र के लोग काशी और अयोध्या जैसा पावन मानकर शवों का अंतिम संस्कार भी करते हैं।

विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विधायक बनने के बाद गंगा दशहरा के अवसर पर पहली बार जब मैं यहां आया,तभी से लोग हमसे यहां सेतु बनवाने की मांग कर रहे थे, मेरा प्रयास भी जारी था, अब शासन से स्वीकृति मिल चुकी है, जल्द ही सेतु के शिलान्यास का कार्यक्रम होगा और इसी के साथ सेतु का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा।


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