गम के समंदर में डूबा गांव, एसडीएम ने बंधाया ढांढस
दूसरे दिन भी नहीं लगा उत्तराखंड आपदा में लापता युवकों का सुराग परिवार में मचा कोहराम
श्रावस्ती : उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर फटने और जल विद्युत परियोजना का बांध टूटने से हुई तबाही और आपदा में लापता हुए श्रावस्ती जिले के पांच युवाओं के गांव रनियापुर गम के समंदर में डूबा है। सोमवार को एसडीएम व तहसीलदार भिनगा गांव में पहुंचे। लापता युवाओं के परिवारजन से मुलाकात की। उनके परिवारजनों से बातचीत की। उन्हें हर संभव मदद देने की बात कही। जल प्रलय में इन मजदूरों के लापता होने से परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
ग्लेशियर टूटने से उत्तराखंड में आए सैलाब से हुई तबाही में श्रावस्ती के पांच मजदूर लापता हैं। यह सभी मजदूर ऋषि गंगा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट निर्माण में मजदूरी कर रहे थे। साथ में काम कर रहे गांव के ही हीरालाल, राजेश कुमार पुत्रगण कंधईलाल व राजू पुत्र जीतू किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। सुरक्षित बचे इन तीनों ने इसकी सूचना गांव में दी। सूचना मिलते ही पूरा गांव गम के समंदर में डूब गया। दूसरे दिन भी इनका सुराग न मिलने से परिवार में कोहराम मचा रहा। गांव के अजय कुमार, वेद प्रकाश, हरीलाल, छोटू व प्रभुनाथ के परिवार के लोग बताते हैं कि आठ नवंबर को गांव के अन्य लोगों के साथ उत्तराखंड में मजदूरी के लिए गए थे। रविवार इनके लिए अशुभ बनकर आया। उत्तराखंड से साथ में काम कर रहे लोगों ने जब सूचना दी कि जल प्रलय में पांचों लोग लापता हो गए हैं तो परिवार ही नहीं पूरे गांव में मातम पसर गया। एसडीएम प्रवेंद्र कुमार व तहसीलदार राजकुमार पांडेय गांव में पहुंचे। पीड़ित परिवारों का हालचाल लिया। उन्हें ढांढस बंधाया। एसडीएम ने बताया कि अभी मजदूरों के मिलने की सूचना नहीं है। उत्तराखंड सरकार से संपर्क साधा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड हादसे में पांच लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है। परिवार के लोग उत्तराखंड रवाना भी हो गए हैं।