तराई में कहर बरपा रही मच्छरजनित बीमारियां
=====मच्छरों का आतंक===== -प्रतिदिन बुखार के लगभग ढाई सौ मरीज पहुंच रहे अस्पताल चित्र-17
=====मच्छरों का आतंक=====
-प्रतिदिन बुखार के लगभग ढाई सौ मरीज पहुंच रहे अस्पताल
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संवादसूत्र, श्रावस्ती : तराई में मच्छरजनित बीमारियां कहर बरपा रही हैं। अस्पताल में बुखार के मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। जगह-जगह चोक पड़ी नालियां व लगे कूड़े के ढेर से मच्छरों की तादाद बढ़ रही है। इस पर काबू पाने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्थित पैथालॉजी में हर रोज लगभग 125 से 150 लोगों के खून की जांच होती है। इसमें बड़ी संख्या में बुखार के मरीज होते हैं। लैब टेक्नीशियन दिलीप तिवारी ने बताया कि प्रतिमाह लगभग चार हजार लोगों का खून लेकर स्लाइड जांच किया जाता है। पैथालॉजिस्ट डॉ. बीएन वर्मा ने बताया कि मच्छर कई तरह के रोगों के संवाहक होते हैं। मलेरिया, डेंगू, फायलेरिया, जेई, चिकनगुनिया, जायका फीवर, एलो फीवर, दिमागी बुखार, लिमपैथिक फालरेसिस, ओरोपाउचसीएफ आदि गंभीर बीमारियां मच्छरों के काटने से ही जन्म लेती हैं। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना बहुत जरूरी है।
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मच्छर पनपने के कारण==
-संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा में चिकित्सक डॉ. एमएल वर्मा ने बताया कि मच्छरों से बचने के लिए साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है। घर के आसपास जलभराव में भी खतरनाक मच्छर जन्म लेते हैं। गंदगी व जलभराव की समस्या न हो तो मच्छरों के पनपने की संभावना बहुत कम रहती है।
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बीमारियों के लक्षण
-अचानक शरीर में चकत्ते उभर आना।
-खुजली व उल्टी होना।
-नाक व दांत से खून निकलना।
-शरीर में अचानक दाने निकल आना।
-हाथ व पैरों में सूजन हो जाना।
-तेज बुखार व पसीना आना।
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मच्छरों से ऐसे करें बचाव
-हमेशा मच्छरदानी लगाकर ही सोएं
-कूलर में या अपने आसपास गंदे पानी को एकत्र न होने दें।
-घर या ऑफिस की प्रतिदिन साफ-सफाई करें।
-घर के पास नालियां चोक न होने दें।