तीन माह में डेंगू के दो और मलेरिया के सात मरीज मिले
- अधूरी तैयारियों से मच्छरजनित बीमारियों पर पाया जा रहा काबू === मच्छरों का आतंक === चित्र-18ए
- अधूरी तैयारियों से मच्छरजनित बीमारियों पर पाया जा रहा काबू
=== मच्छरों का आतंक ===
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जागरण संवाददाता, श्रावस्ती : जिले में मच्छरजनित बीमारियों के प्रकोप से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निकायों के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है। यहीं वजह है कि इस साल भी अब तक दिमागी बुखार की चपेट में आने से एक मासूम की मौत हो चुकी है। इसके अलावा बीते तीन माह में डेंगू के दो और मलेरिया के सात मरीज धनात्मक पाए गए हैं। यह सरकारी आंकड़े हैं, गैर सरकारी सूत्र इस संख्या को गई गुना बता रहे हैं।
मच्छरजनित खतरनाक बीमारियों के फैलने की सबसे बड़ी वजह यह है कि जिम्मेदार विभागों के पास न तो कर्मचारी हैं, न ही संसाधन और न ही कोई ठोस रणनीति है। आधी-अधूरी तैयारियों के साथ मच्छरजनित बीमारियों पर जीत हासिल करना टेढ़ी खीर बना हुआ है। इन कमजोरियों के चलते ही इन बीमारियों में मरीजों को दी जाने वाली दवाएं कमरों में रखी हैं। विभाग के पास मात्र एक ही फागिंग मशीन उपलब्ध है। वहीं फागिंग के लिए विभाग की कार्रवाई मात्र नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष को पत्र लिखने तक ही सीमित रह गई है।
मच्छरजनित बीमारियों से लड़ने के लिए विभाग की ओर से समय पूर्व पूरी तैयारी नहीं दिख रही है। विभाग की ओर से सिर्फ प्रभावित गांवों में ही फागिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव कराने की बात कही जा रही। जिला मलेरिया अधिकारी एके मिश्रा ने बताया कि फागिंग के लिए नगर पालिका परिषद अध्यक्ष भिनगा व इकौना के नगर पंचायत अध्यक्ष को पत्र लिखकर फागिंग कराने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि सभी सीएचसी व पीएचसी को अलर्ट कर दिया गया है। सीएचसी व पीएचसी पर दवाएं भेज दी गई हैं। जिले व ब्लॉक स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीमें बनाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि जिले में अब तक एईएस के पांच, डेंगू के दो व मलेरिया के 10 मरीज पाए गए हैं। उनका कहना है कि दवाएं विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा आसपास गंदगी व जलजमाव रखने वाले लोगों को विभाग की ओर से नोटिस भी जारी की जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग के पास मैलाथियान पाउडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके अलावा दवाएं भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा नगर पालिका परिषद की ओर से भी समय-समय पर मच्छरों की रोकथाम के लिए फागिंग कराई जाती है।