बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना संजोए हैं भूमिहीन पिता
भूपेंद्र पांडेय श्रावस्ती किस्मत मेहनत और मौका तीनों जब दुरुस्त हो तो सफलता कदम चूमती है। यह
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती: किस्मत, मेहनत और मौका तीनों जब दुरुस्त हो तो सफलता कदम चूमती है। यह पुरानी कहावत सीबीएसई बोर्ड में हाईस्कूल के मेधावी बच्चों पर सटीक बैठती है। मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन कर यह सिद्ध किया है कि मेहनत के बूते पर आíथक रूप से विपन्न होने के बाद भी बड़े से बड़े लक्ष्य तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
हाईस्कूल की परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक पाकर जिले में टॉप करने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय संभारपुरवा भिनगा के छात्र मुहम्मद अख्तर शाह भूमिहीन परिवार से हैं। इनके पिता इरसाद शाह बटाई पर खेती कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। आíथक तंगी है, लेकिन खुद स्नातक तक शिक्षित हैं और मां जाकरुननिशा ने भी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है। शिक्षा के प्रति पूरा परिवार सजग है। पिता कहते हैं कि बेटे ने जब नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास की और उसका दाखिला हो गया तो मन को राहत मिली। एक आस जगी कि पैसों की दिक्कत से बेटे की पढ़ाई अब रुकेगी नहीं। उसने लगाता परिश्रम जारी रखा। हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम सुन सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। अति पिछड़े जिले में शुमार श्रावस्ती में कंप्यूटर की क्रांती भी काफी देरी से हुई। आज भी जिले में साइबर कैफे नाम की कोई चीज नहीं है। विषम परिस्थितियां होने के बाद भी अपने लगन के बूते पर बोर्ड परीक्षा में 95.7 प्रतिशत अंक लाकर जिले में दूसरे स्थान पर रहे सत्या दि आर्यन स्कूल इकौना के अनुराग पांडेय ने कंप्यूटर साइंस विषय में शत-प्रतिशत अंक अíजत किए हैं। इस सफलता से परिवार के साथ उनके गुरुजन भी उत्साहित नजर आए। अनुराग के पिता भी खेती करते हैं। बेटे ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना संजो रखा है।
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