पीड़ित परिवार पर सदमा हावी, अनदेखी कर लौट गए मंत्री
श्रावस्ती शनिवार को जिले में प्रदेश सरकार के दो कद्दावर मंत्री जिले में आए।
श्रावस्ती : शनिवार को जिले में प्रदेश सरकार के दो कद्दावर मंत्री जिले में आए। केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। सरकार गरीबों की हिमायती होने का दावा किया और पार्टी पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चले गए, लेकिन जिला मुख्यालय से तकरीबन 26 किमी दूर उत्तराखंड आपदा में लापता हुए पांच युवाओं के घर जाकर पीड़ित परिवारों का आंसू पोछना तो दूर, उनसे मुखातिब होना भी मुनासिब नहीं समझा। इस संदर्भ में संवाददाताओं के सवाल को भी जिले के प्रभारी मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह टाल गए।
केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही उत्तराखंड हादसे में लापता हुए व मारे गए लोगों के परिवारीजनों के प्रति गंभीर हो, लेकिन मंत्री मानवीय संवेदनाओं को दर-किनार कर गांव के किनारे पहुंच कर भी नहीं गए। यह लोगों में चर्चा का दिनभर विषय बना रहा। उत्तराखंड के तपोवन में रविवार को आए भीषण सैलाब में जिले के सिरसिया ब्लॉक क्षेत्र के आदिवासी थारू बाहुल्य गांव रनियापुर के आठ लोग लापता हो गए। इनमें से तीन तो मिल गए, लेकिन पांच युवक अभी भी लापता हैं। लापता युवकों के घरों में अभी भी चूल्हा बुझा पड़ा है। प्रशासनिक आला अधिकारी गांव में पहुंचकर आश्वासन देकर ढांढस बंधा चुके हैं। शनिवार को जिले में पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री व पिछड़ा वर्ग व दिव्यांगजन कल्याण मंत्री अनिल राजभर में से किसी ने भी वहां जाना उचित नहीं समझा। थारू कल्चर श्रावस्ती के अध्यक्ष रामकरतार राना, महामंत्री कर्मवीर चौधरी, कोषाध्यक्ष ईश्वर दीन चौधरी व प्रवक्ता अयोध्या प्रसाद राना कहते हैं कि इतनी बड़ी आपदा में लापता हुए युवाओं के घर मंत्री को जरूर आकर ढांढस बंधना चाहिए था।