लाल होता कोलतार, नशा, रफ्तार व लापरवाही जिम्मेदार
संसू श्रावस्ती सड़क पर यातायात के बढ़ते दबाव के बीच हर साल हादसे जिदगियां लील रहे हैं।
संसू, श्रावस्ती : सड़क पर यातायात के बढ़ते दबाव के बीच हर साल हादसे जिदगियां लील रहे हैं। वहन चालक नियमों का उल्लंघन करने में गुरेज नहीं करते। इसे रोकने वाले जिम्मेदार साल के तय मौसम में ही सड़कों पर नजर आते हैं। इस दौरान काली सड़क वाहन चालकों व राहगीरों के खून से लाल होती रहती है।
सफर सुहाना बनाने के लिए संसाधनों की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही सफर को सुरक्षित रखने के लिए यातायात नियमों की बंदिशें लगाई गई हैं। नियंत्रित रफ्तार के साथ यातायात संकेतकों को ध्यान में रखकर वाहन चलाया जाए तो हादसों का ग्राफ डाउन हो सकता है। बीते तीन सालों में जिले की अलग-अलग सड़कों पर कुल 263 हादसे हुए हैं। इसमें 187 लोग घायल हुए तथा 169 लोग असमय काल के गाल में समा गए। प्रत्येक वर्ष बीमारी से होने वाली मौत से अधिक लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है। असमय परिवार के मुखिया की दुर्घटना में मौत हो जाने पर यह दुख अन्य सदस्यों पर पहाड़ की तरह टूटता है। नियमों का उल्लंघन, जर्जर सड़कें व नशे में धुत वाहन चालक हादसों के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। बेपरवाह चालक खुद के जीवन से खिलवाड़ करने साथ सड़क पर चलने वाले अन्य राहगीरों को भी मुसीबत में डाल रहे हैं। यातायात नियमों का पालन कराने के लिए परिवहन विभाग के साथ यातायात पुलिस भी है, लेकिन इनकी फौज सड़क पर उतरने के लिए शासन के निर्देशों का इंतजार करते रहते हैं।
क्या कहते हैं यातायात प्रभारी
पुलिस यातायात प्रभारी राजीव कुमार मिश्रा बताते हैं कि जहां अधिकांश दुर्घटनाएं होती हैं उसे ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है। नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। वे बताते हैं कि ज्यादातर दुर्घटनाएं नियमों की अनदेखी से होती हैं।
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तीन साल में हुए सड़क हादसों का विवरण वर्ष हादसे घायल मौत
2018 96 77 69 2019 90 66 50 2020 77 44 50
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कुल 263 187 169
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