56 लाख का वन स्टॉप सेंटर तैयार, तैनात नहीं हुए मैनेजर
प्रक्रिया में उलझी कर्मचारियों की नियुक्ति डेढ़ महीने से लटक रहा ताला
श्रावस्ती : 56 लाख की लागत से वन स्टॉप सेंटर भवन (आशा ज्योति केंद्र) बनकर तैयार हो गया है। डीएम व एसपी ने इसका लोकार्पण भी कर दिया। 24 घंटे संचालित रहने वाले वन स्टॉप सेंटर में अभी स्टॉफ की तैनाती नहीं हो सकी है। ऐसे में लाखों का बना भवन महिला सशक्तीकरण के दावे की पोल खोल रहा है। तकरीबन डेढ़ महीने से भवन पर ताला लटक रह है। कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में उलझ कर रह गई है।
निराश्रित, उत्पीड़ित बालिकाओं व महिलाओं को रोकने के लिए कलेक्ट्रेट कैंपस के पीछे 57 लाख की लागत से वन स्टॉप सेंटर भवन (आशा ज्योति केंद्र) का निर्माण कराया गया। 23 जनवरी को डीएम टीके शिबु व एसपी अरविद कुमार मौर्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान डीएम ने बताया कि अभी तक जिले में वन स्टॉप सेंटर न होने के कारण निराश्रित, उत्पीड़ित बालिकाओं व महिलाओं को रोकने के लिए दिक्कत होती थी। उन्हें मंडल मुख्यालय गोंडा स्थित वन स्टॉप सेंटर भेजना पड़ता था। इन सब दिक्कतों को देखते हुए यहां पर आशा ज्योति केंद्र की व्यवस्था की गई। इस केंद्र में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं देने की बात कही गई थी। यहां सभी प्रकार की हिसा से पीड़ित महिलाओं व बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थाई आश्रय, पुलिस डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा व काउंसिलिग की सुविधा वन स्टॉप सेंटर में उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। डेढ़ माह बीतने को हैं, लेकिन अभी तक इस केंद्र पर स्टाफ की तैनाती ही नहीं हो सकी है। सेंटर मैनेजर समेत 11 कर्मचारियों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया में ही उलझी है। सेंटर मैनेजर समेत 11 कर्मचारियों की नियुक्ति होना है। नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। संस्था का चयन हो गया है। शीघ्र ही नियुक्ति कर वन स्टॉप सेंटर को संचालित कर दिया जाएगा।
-मोहन त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रावस्ती।