सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य को दे दिया कॉलेज का प्रभार
श्रावस्ती किसान इंटर कॉलेज सुविखा के प्रबंधक के लिए नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं। तभी तो बीच सत्र में यहां तैनात प्रधानाचार्य को हटा कर करीब दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाचार्य को तैनात कर दिया गया है जबकि हटाए गए प्रधानाचार्य का कार्यकाल अभी दो सत्र बाकी है।
श्रावस्ती: किसान इंटर कॉलेज सुविखा के प्रबंधक के लिए नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं। तभी तो बीच सत्र में यहां तैनात प्रधानाचार्य को हटा कर करीब दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाचार्य को तैनात कर दिया गया है, जबकि हटाए गए प्रधानाचार्य का कार्यकाल अभी दो सत्र बाकी है। बिना किसी आरोप के हटाए गए प्रधानाचार्य और बीच सत्र में पुराने प्रधानाचार्य की तैनाती को लेकर प्रबंधक की मनमानी चर्चा में है।
किसान इंटर कॉलेज सुविखा के प्रबंधक उमेश चंद्र मिश्र ने प्रधानाचार्य रामराखन त्रिपाठी को बिना किसी आरोप और नोटिस के हटा दिया। 31 मार्च 2019 को सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाचार्य रामसूरत त्रिपाठी को विद्यालय के प्रधानाचार्य का दायित्व पुन: सौंप दिया, जबकि यह नियम के विपरीत है। बिना किसी आरोप और नोटिस के बीच सत्र में प्रधानाचार्य को न तो हटाया जा सकता है और न ही सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाचार्य को तैनाती दी जा सकती हैं। इसके बाद भी नियम-कायदे को ठेंगा दिखाते हुए बीते एक जनवरी को प्रधानाचार्य को मनमाने ढंग से बदल कर शिक्षा प्रणाली और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। क्या कहते हैं प्रबंधक
विद्यालय के प्रबंधक उमेश चंद्र मिश्र का कहना है कि प्रधानाचार्य राम राखन त्रिपाठी की ओर से विभागीय कार्यों और विद्यालय के दायित्व निर्वहन में शिथिलता पाई जा रही थी, जिसके कारण रामसूरत त्रिपाठी को कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया है। क्या है नियम
बिना किसी आरोप और नोटिस के बाद स्पष्टीकरण लिए बिना ही किसी प्रधानाचार्य को उसके पद से हटाया नहीं जा सकता है। सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाचार्य की सेवावृद्धि राज्यस्तर या राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने पर ही उसकी सेवावृद्धि हो सकती है। क्या कहते हैं हटाए गए प्रधानाचार्य
प्रधानाचार्य राम राखन त्रिपाठी ने बताया कि प्रबंध तंत्र की ओर से उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। न ही पद से हटाए जाने की जानकारी दी गई है। केवल उपस्थिति पंजिका पर प्रबंधक की ओर से लिखकर दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाचार्य की तैनाती कर दी गई है, जबकि मेरा कार्यकाल 31 मार्च 2022 तक है।