पीसीएफ के गोदाम पर अव्यवस्थाओं का अंबार
केंद्र के बाहर गेहूं लाद कर इंतजार में खड़े दर्जनों ट्रक सात दिन बाद शुरू हुई तौल
श्रावस्ती : सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदे गए गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए हरिहरपुररानी ब्लॉक के भिट्ठी गांव में पीसीएफ का गोदाम बनाया गया है। यहां अव्यवस्थाओं का अंबार है। परिसर में बरसात का पानी भरा हुआ है। सात दिनों से यहां गेहूं लाद कर ट्रक खड़े थे। बुधवार को तौल शुरू हुई तो चालकों ने राहत महसूस की, लेकिन अव्यवस्था की खिन्नता ट्रक चालकों के चेहरे पर स्पष्ट दिखी।
मौसम के पल-पल बदलते मिजाज के बीच क्रय केंद्रों पर गेहूं तौल कराने में केंद्र प्रभारी सावधानी बरत रहे हैं। किसानों का खरीदा गया गेहूं खराब न होने पाए, इसके लिए उतनी ही तौल करवा रहे हैं, जितना गेहूं क्रय केंद्र पर सुरक्षित रखा जा सके। खरीदे गए गेहूं को पीसीएफ के गोदाम तक पहुंचाना होता है। खरीद के साथ ही गेहूं गोदाम पर पहुंचता रहे तो एक दिन के लिए भी खरीद बंद न हो। गोदाम पर रखने के लिए स्थान होने के बाद भी केंद्र प्रभारी तौल बंद कर देते हैं। भिट्ठी गांव स्थित पीसीएफ के गोदाम पर ट्रकों को खाली करने में भारी अव्यवस्था है। यहां गेहूं लाद कर लाने वाले ट्रक कई दिनों तक खड़े रहते हैं। इस दौरान क्रय केंद्रों पर तौल बंद रहने से किसानों को परेशान होना पड़ता है। छलका ट्रक चालकों का दर्द
ट्रक चालक हरीश चंद्र उपाध्याय ने बताया कि सात दिन से तौल के इंतजार में खड़े रहने से भाड़े का नुकसान होता है। शंभू नाथ तिवारी कहते हैं कि तौल शुरू तो हो गई है, लेकिन गोदाम परिसर में जलभराव से ट्रक अंदर लाने व ले जाने में कठिनाई होती है। राजेश कुमार का कहना है कि गोदाम पर गाड़ी लोडिग व खाली करने के लिए श्रमिकों की भारी कमी है। दिन भर में लगभग 15 ट्रक ही खाली हो पाते हैं। भूरे ने बताया कि गोदाम के आसपास कोई ढाबा व राशन की दुकान भी नहीं है। कई बार तो भूखे-प्यासे रहकर इंतजार करना पड़ता है। इनसेट
अस्थायी कांटा है खराबी का कारण
तौल लिपिक श्रीकांत ने बताया कि गोदाम परिसर में तौल के लिए लगा कांटा अस्थायी है। आए दिन इसमें खराबी आ जाती है। बरसात में गोदाम परिसर में जलभराव होने से भी तौल बाधित रहती है। गोदाम में बिजली का कनेक्शन तक नहीं है। एक जनरेटर के सहारे काम किया जाता है। गोंडा से तौल कराते हैं गोदाम प्रभारी
गोदाम प्रभारी पवन की मुख्य तैनाती गोंडा जिले में है। यहां उनको अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वे कभी-कभार ही गोदाम पर आते हैं। पूरा काम वहीं से चला लेते हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि तौल कैसे होती है।