क्रय केंद्रों पर समय से पहले लटके ताले, भटक रहे किसान
खुली मंडी में धान का रेट सस्ता होने से किसान वहां भी उपज बेचने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। अछे रेट की आस में मौसम की मार से जैसे तैसे उपज को सुरक्षित बचा कर रखे किसान अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती
सरकारी धान क्रय केंद्रों पर खरीद के लिए निर्धारित समय से लगभग एक माह पहले ही ताले लटक गए हैं। खरीद पूरी तरह बंद है। प्रपत्र जमा कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसान उपज की बिक्री के लिए भटक रहे हैं।
खुली मंडी में धान का रेट सस्ता होने से किसान वहां भी उपज बेचने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। अच्छे रेट की आस में मौसम की मार से जैसे तैसे उपज को सुरक्षित बचा कर रखे किसान अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
किसानों को धान की बिक्री पर उचित मूल्य दिलाने के लिए 39 क्रय केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों पर 35 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। खुली मंडी में धान की कीमत काफी डाउन होने से किसानों को सरकारी क्रय केंद्रों का ही भरोसा था। धान की बिक्री के लिए लगभग 12 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया। इनमें से 8693 किसानों से 42051.812 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। 28 जनवरी से ही क्रय केंद्रों पर धान की खरीद बंद है। शासन के पोर्टल पर फीडिग न हो पाने से केंद्र प्रभारी खरीद नहीं कर पा रहे हैं। लगभग 3500 किसान उपज की बिक्री के लिए भटक रहे हैं।
28 फरवरी तक होनी थी खरीद : धान क्रय केंद्रों संचालन के लिए 28 फरवरी तक का समय निर्धारित किया गया था। केंद्रों पर बिक्री के लिए भीड़ लगातार बनी रही। अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसान बिक्री के लिए पर्याप्त समय होने से धैर्य से बैठे थे। एक माह पहले ही खरीद बंद होने किसान भटकने को विवश हैं।
संस्थावार धान खरीद का विवरण
संस्था क्रय केंद्र लक्ष्य खरीद किसान
खाद्य विभाग 07 8000 11342.812 2538
पीसीएफ 29 22000 26999.404 5416
एनसीसीएफ 02 3000 1672.150 329
भारतीय खाद्य निगम 01 2000 2038 410
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कुल 39 35000 42051.812 8693
(लक्ष्य व खरीद का विवरण मीट्रिक टन में है)