तराई में स्वावलंबन का पाठ पढ़ाएंगी जालौन व इलाहाबाद की महिलाएं
ं तीस टीमें 45 दिनों तक गांवों में रात्रि प्रवास कर ग्रहणियों को आर्थिक प्रबंधन का गुर सिखाएंगी
ावस्ती : गृहणियों व युवतियों को स्वावलंबी व सशक्त बनाने के लिए जालौन व इलाहाबाद से महिलाओं की टीम श्रावस्ती आएगी। 30 टीमें 45 दिनों तक गांवों में रात्रि प्रवास कर गृहणियों को आर्थिक प्रबंधन का गुर सिखाएंगी। इस दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन कर स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त करने व महिलाओं को मुख्यधारा में खड़ा कर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाता है। समूह संचालन का एक वर्ष से अधिक का अनुभव रखने वाली इलाहाबाद की 20 व जालौन की 70 महिलाएं श्रावस्ती आएंगी। इन्हें तीन-तीन टीमों में बांटकर अलग-अलग गांवों में भेजा जाएगा। एक टीम एक गांव में 15 दिन प्रवास करेगी। इस दौरान समूह के गठन के लिए डोर-टू-डोर गांव का भ्रमण कर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को चिह्नित करेंगी। 10 अथवा 15 महिलाओं के साथ एक समूह का गठन होगा। एक टीम एक गांव में चार से पांच समूहों का गठन करवाएगी।
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तीन माह बाद मिलेगा रिवालविग फंड
समूह का विधिवत संचालन करने के लिए सदस्य महिलाओं को बचत कर प्रति सप्ताह 10 रुपये का अंशदान जमा करना होगा। बैंक खाता खुलने के बाद तीन माह तक अंशदान जमा करने पर रिवालविग फंड के रूप में 15 हजार रुपये मिलेंगे। जिला मिशन प्रबंध अखिलेश कुमार ने बताया कि रिवालविग फंड से समूह की महिलाएं आर्थिक प्रबंधन को प्रयोगात्मक ढंग से सीखेंगी। इसके बाद एक साल तक समूह चलता रहा तो सीआईएफ के तौर पर एक लाख 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस पैसे से समूह अपना व्यवसाय शुरू कर सकेगा।
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महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन करवाया जा रहा है। जालौन व इलाहाबाद की महिलाएं 45 दिन प्रवास कर समूह का गठन करने के बाद अध्यक्ष सचिव व कोषाध्यक्ष को पदीय दायित्व का पाठ पढाएंगी। अन्य सदस्यों को भी उनके अधिकार व कर्तव्य बताएंगी। 45 दिनों लगभग 540 समूहों के गठन होने की संभावना है।
-उपेंद्र पाठक, उपायुक्त स्वत: रोजगार, श्रावस्ती