तीन वर्ष नौ माह बाद दी जनसूचना, आयोग ने लगाया जुर्माना
बहराइच में तैनात रहे तीन एक्सईएन विद्युत के वेतन से होगी वसूली राज्य सूचना आयोग ने कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव ऊर्जा को भी किया निर्देशित
श्रावस्ती : सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दिए गए सूचना के अधिकार का अधिकारी मनमाने ढंग से जवाब देने के आदी हो गए हैं। बहराइच के बिजली विभाग से मांगी गई सूचना का जवाब तीन वर्ष नौ माह के बाद मिलने पर राज्य सूचना आयोग ने एक्सईएन पर जुर्माना लगाया है। जुर्माने की वसूली उनके वेतन से होगी। लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए आयोग ने प्रमुख सचिव ऊर्जा को भी निर्देशित किया है।
श्रावस्ती जिले के सोनवा थाना क्षेत्र के दिकौली गांव निवासी मिज्जन हुसैन ने 23 अप्रैल 2016 को जनसूचना अधिकारी कार्यालय अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खंड बहराइच से सूचनाएं मांगी थी। निर्धारित समय बीतने के बाद भी सूचना न मिलने पर उन्होंने आठ जुलाई 2017 को राज्य सूचना आयोग में अपील आयोग ने नोटिस जारी कर अधिशाषी अभियंता को मांगी गई सूचनाओं के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए। तीन बार नोटिस देने के बाद भी अधिशाषी अभियंता आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इस दौरान जनसूचना मांगने वाले व्यक्ति से विद्युत अधिभार के नाम पर विभाग ने 28 हजार रुपये भी वसूल लिए। यह मामला भी आयोग के समक्ष रखा गया। आयोग की सख्ती पर तीन वर्ष नौ माह बाद विभाग ने सूचना दी। राज्य सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई के दौरान जनसूचना देने के मामले में अधिशाषी अभियंता विद्युत के कार्यालय को घोर लापरवाह मानते हुए देरी की अवधि में बहराइच में तैनात रहे अधिशाषी अभियंता विद्युत आरिफ अहमद, टीआर श्रीवास्तव व मुकेश बाबू पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। यह राशि अधिकारियों के वेतन से वसूल करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र लिखकर तीनों अधिशाषी अभियंता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है।