नो-मैंस लैंड पर अवैध कब्जे की हकीकत परखेंगे डीएम
एसडीएम व एसएसबी भी कर रही जांच अभी नहीं आई रिपोर्ट
श्रावस्ती : भारत-नेपाल सीमा की नो- मैंस लैंड पर अवैध कब्जे की स्थिति जानने के लिए डीएम खुद मानवविहीन पट्टी का सच देखेंगे। इसके बाद वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।
डीएम टीके शिबु ने बताया कि नो-मैंस लैंड की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए वह खुद सीमा का जायजा लेंगे। उन्होंने बताया कि वैसे तो नो-मैंस लैंड पर अवैध कब्जे की बात नहीं आ रही है, इसके बाद भी वह खुद सीमा की स्थिति का जायजा लेंगे। 19 फरवरी के अंक में 'दैनिक जागरण' ने 'नेपाल बसा रहा नो मैंस लैंड में आबादी' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद प्रशासन व सुरक्षा महकमे में खलबली मच गई। डीएम नो-मैंस लैंड व आसपास नेपाल की ओर से हो रही ताजा गतिविधियों की जांच एसएसबी व भिनगा एसडीएम को सौंपी है। अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है। डीएम ने कहा कि वह खुद इसकी वास्तविक स्थिति की पड़ताल करेंगे। भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा संवेदनशील है। दोनों देशों की सीमा पूरी तरह खुली हुई है। अवैध कब्जे को लेकर भारत व नेपाल की हुई बैठकों में यह मुद्दा कई बार उठ चुका है। इसके बाद भी अतिक्रमण का कुहासा अभी भी बना हुआ है। नेपाल से बहराइच व श्रावस्ती की 170 किमी सीमा सटी है। दोनों देशों की सीमा के बीच स्थित नो-मैंस लैंड को कई स्थानों पर नेपालियों ने नया ठिकाना बना लिया है तो कहीं भारतीय लोगों का भी कब्जा है। यह अतिक्रमण भविष्य में विवाद की जड़ बन सकता है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने खुद सीमा की स्थिति का जायजा लेने का निर्णय लिया है।