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ककराघाट अस्थायी पुल तोड़ देने से बढ़ीं दुश्वारियां

मुश्किलों में बीतेंगे बरसात के चार माह पढ़ाई रोजगार व इलाज होगा प्रभावित

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 10:49 PM (IST)
ककराघाट अस्थायी पुल तोड़ देने से बढ़ीं दुश्वारियां
ककराघाट अस्थायी पुल तोड़ देने से बढ़ीं दुश्वारियां

श्रावस्ती : राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ते ही ककराघाट पर बना बांस-बल्ली का अस्थायी पुल तोड़ दिया गया है। अब बरसात के चार महीने दोआब वासियों को विभिन्न दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा। 30 गांवों के लाखों लोगों को तहसील मुख्यालय पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ेगा।

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इमरजेंसी में इलाज की होगी परेशानी

दोआब क्षेत्र के लोगों का मुख्य व्यापार कृषि व पशुपालन है। बरसात में पशुओं की बीमारियां बढ़ जाती हैं। इस क्षेत्र में कोई पशु चिकित्सालय भी नहीं है। पुल टूट जाने से पशुओं के बीमारी की स्थिति में इलाज की समस्या होगी। बरसात में जलभराव के कारण विभिन्न संक्रामक बीमारियों के साथ विषैले जीव-जंतुओं के काटने की घटनाएं भी होती हैं। पुल टूट जाने से बाढ़ व बरसात की स्थिति में लोगों को समय से सीएचसी पहुंचने में दिक्कत होगी। इससे इलाज प्रभावित होगा।

पढ़ाई व रोजगार पर पड़ेगा असर

दोआब क्षेत्र में अधिकांश लोग सब्जी की खेती व दुग्ध व्यवसाय से जुड़े हैं, जो नित्य अपने उत्पाद बाजार पहुंचाते हैं। सैकड़ों श्रमिक मजदूरी के लिए व छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए तहसील मुख्यालय इकौना आते हैं। नाव के सहारे समय से न पहुंचने पर किसानों के उत्पाद खराब होंगे साथ ही समय से न पहुंचने पर श्रमिकों का रोजगार व छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

राप्ती का बहाव तेज होते ही कटान शुरू

जलस्तर बढ़ते ही तेज हुई राप्ती की धारा ने खेत खलिहान को निगलना शुरू कर दिया है। इकौना एसडीएम आरपी चौधरी ने जगरावलगढ़ी व गुलवरिया गांव पहुंच कर कटान रोकने के प्राथमिक उपाय करवाए। परक्यूपाइन लगाने के निर्देश बाढ़ खंड अधिकारियों को दिए। राप्ती नदी ने बुधवार को जगरावलगढ़ी में खेतों को निगलना शुरू कर दिया। एसडीएम ने नदी में बबूल पेड़ डलवा कर बचाव का प्राथमिक उपाय करवाया। बाढ़ खंड अधिकारियों को कटान रोकने के लिए परक्यूपाइन लगवाने के निर्देश दिए। कटान प्रभावित गुलवरिया गांव का भी निरीक्षण कर अधिकारियों को कटान रोकने के उपाय करने को कहा।

संभावित बाढ़ के मद्देनजर पूरी करें तैयारी : डीएम

राप्ती नदी का जलस्तर घट-बढ़ रहा है। राप्ती बैराज लक्ष्मनपुर पर खतरे का निशान 127.70 सेंटीमीटर है। बुधवार को नदी का जलस्तर 128.30 सेंटीमीटर रिकार्ड किया गया। यह खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर अधिक है। संभावित बाढ़ के मद्देनजर जिलास्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। अधिकारियों को जलस्तर पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

डीएम नेहा प्रकाश ने बताया कि नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। सभी बाढ़ चौकी प्रभारियों व चौकी पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। नोडल अधिकारी व एसडीएम को भी बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है। संभावित बाढ़ के देखते हुए राहत व बचाव कार्य के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों के निवासियों से सीधा संवाद रखें। जिलास्तर पर बाढ़ आपदा के बेहतर प्रबंधन व सूचनाओं के त्वरित अदान-प्रदान के लिए बाढ़ कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर- 8429321551 व 7395045570 है। कंट्रोल रूम 24 घंटे क्रियाशील रहेगा।


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