पांच हजार रुपये दो तब मिलेगा सामूहिक विवाह का प्रमाण पत्र
शासन के कल्याणकारी कार्यक्रमों को पलीता लगा रहे ब्लॉक के कर्मचारी
श्रावस्ती : शासन की ओर से गरीबों की बेटियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है। इसे भ्रष्टाचार मुक्त रखने के लिए अनुदान की राशि वधू के बैंक खाते में भेजी जाती है। तमाम सावधानी के बाद भी ब्लॉक के कर्मचारी कल्याणकारी कार्यक्रम को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। हरिहरपुररानी ब्लॉक के कर्मचारी सामूहिक विवाह का प्रमाण पत्र देने के लिए पांच हजार रुपये वसूल रहे हैं।
हरिहरपुररानी ब्लॉक के पटना खरगौरा गांव निवासी राघवराम की पुत्री कविता का विवाह गिलौला ब्लॉक के बेड़सरा गांव में हुआ है। 20 नवंबर 2020 को कलेक्ट्रेट में हुए सामूहिक विवाह में वर-वधू ने सात फेरे लिए। अनुदान की राशि वधू के बैंक खाते में आ गई, लेकिन शादी का प्रमाण पत्र नहीं मिला। भाई रामरूप प्रमाण पत्र पाने के लिए ब्लॉक का चक्कर लगा रहा है। आरोप है कि यहां तैनात पटल सहायक महेंद्र की ओर से अनुदान की राशि में से पांच हजार रुपये मांगे की जा रहे हैं। पैसा न दे पाने से उसे बार-बार लौटाया जा रहा है। इसी प्रकार नौबस्ता गांव निवासी चिनकू के बेटी का भी विवाह सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हुआ था। पिता प्रमाण पत्र के लिए चक्कर काट रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। रामरूप ने बताया कि सामूहिक विवाह संपन्न होने के बाद से कई बार ब्लॉक जा चुका हूं। पटल सहायक पांच हजार रुपये मांग रहे हैं। उनका कहना है कि पैसे नहीं दोगे तो प्रमाण पत्र के लिए टहलते रहोगे। शिकायत के लिए खंड विकास अधिकारी का मोबाइल नंबर मांगा तो नाराज पटल सहायक ने उसका मोबाइल फोन भी पटक कर तोड़ दिया। मामले की शिकायत डीएम से की गई है। इनसेट विवाह का प्रमाण पाना परिवार का अधिकार है। इसके बदले में पैसा मांगना अपराध है। मामले की जांच कराई जाएगी। पटल सहायक दोषी मिले तो उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
- यशोवर्धन सिंह, खंड विकास अधिकारी हरिहरपुररानी।