दूसरे दिन भी बैंक रहे बंद, खाली हाथ लौटे उपभोक्ता
दो दिवसीय हड़ताल में 50 करोड़ का कारोबार हुआ प्रभावित
श्रावस्ती : निजीकरण प्रस्ताव के विरोध में मंगलवार को भी बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। बैंकों में ताले लटकते रहे। जमा-निकासी के लिए आने वाले उपभोक्ता बैंकों में ताले लटकते देख मायूस होकर वापस लौट गए। सोमवार व मंगलवार को बैंक कर्मियों की हड़ताल के चलते जिले में तकरीबन 50 करोड़ का लेनदेन ठप रहा। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर प्रदर्शन भी किया।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर रहे। यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक समेत सभी प्रमुख बैंकों में पूरे दिन लेनदेन ठप रहा। बैंकों में ताला लगा होने से एटीएम में लंबी कतार लगी रही। कहीं-कहीं तो एटीएम भी दगा दे गए। दूर-दराज से आए उपभोक्ता खाली हाथ बैंकों से लौटने को विवश रहे। भगवानपुर बनकट के शिविर इलाहाबाद बैंक इकौना में रुपये निकालने के लिए आए थे, लेकिन हड़ताल के चलते वह वापस लौट गए। केवलपुर के हिमांशु सिंह इलाहाबाद बैंक सेमरी चकपिहानी पर रुपये निकालने के लिए करीब दोपहर 12 बजे पहुंचे, लेकिन बैंक न खुलने से वह अपने खाते से रुपये नहीं निकाल सके। खाली हाथ घर लौट गए। शिविर व हिमांशु ही नहीं ऐसे तमाम उपभोक्ता भिनगा, इकौना, गिलौला, जमुनहा, सिरसिया, लक्ष्मनपुर बाजार, कटरा व सोनवा पहुंचे पर बैंक की हड़ताल उन्हें काफी अखरी। कोई खेत में खाद लगाने के लिए रुपये निकालने आया था तो कोई सिचाई तो कोई बच्चों को कपड़े खरीदने के लिए बैंक की ओर रुख किया था। हड़ताल ने सभी के मंसूबों पर पानी फेर दिया और बिना रुपये निकाले ही घर लौट गए। एलडीएम अनल कुमार बताते हैं कि हड़ताल से करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है।