दूसरे दिन भी जारी रहा एंबुलेंस कर्मियों का कार्य बहिष्कार
सपा की पूर्व विधायक ने धरना स्थल पर पहुंचकर जाना हालचाल मांगों को बताया जायज
श्रावस्ती : समायोजन व स्थायीकरण समेत विभिन्न मांगों को लेकर एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) कर्मियों का कार्य बहिष्कार मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। स्पोर्ट्स स्टेडियम के मैदान में वाहन खड़े कर एंबुलेंस कर्मी धरने पर डटे रहे। सपा की पूर्व विधायक इंद्राणी वर्मा ने धरना स्थल पर पहुंच कर कर्मियों की समस्याएं जानी और मांगों को जायज बताया।
एंबुलेंस कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते जिले की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। घर से अस्पताल व अस्पताल से घर पहुंचने के लिए मरीज व तीमारदारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रसव पीड़िताओं को जैसे-तैसे लोग अस्पताल पहुंचा रहे हैं। जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष शेष मणि उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय के नेतृत्व में एंबुलेंस कर्मियों का आंदोलन मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि आपातकालीन स्थिति के लिए तीन एंबुलेंस को ड्यूटी पर लगाया गया है। सड़क हादसा समेत गंभीर स्थितियों में ही यह एंबुलेंस मरीज को लाने जाएंगे। सपा की पूर्व विधायक ने धरना स्थल पर पहुंचकर धरना दे रहे कर्मचारियों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस कर्मी अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। शासन को इसे मान लेना चाहिए। प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर एंबुलेंस कर्मचारियों की समस्या का समाधान कराया जाएगा।
समय से मिलता इलाज तो बच जाती मातादीन की जान
इकौना ब्लाक क्षेत्र के बैदौरा टंडवा महंत निवासी मातादीन को एंबुलेंस की हड़ताल के चलते समय से इलाज नहीं मिल पाया। इलाज में देरी होने से बहराइच जिला अस्पताल में सोमवार की देर रात उनकी मौत हो गई।
टंडवा महंत के बैदौरा निवासी 26 वर्षीय मातादीन फेफड़े की परेशानी से जूझ रहे थे। सोमवार की सुबह उनकी तबीयत बिगड़ी तो इलाज के लिए परिवार के लोग जैसे-तैसे इकौना सीएसची लाए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद राहत न होने से चिकित्सकों ने जिला अस्पताल बहराइच के लिए रेफर कर दिया। एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के चलते मरीज को सुरक्षित बहराइच तक पहुंचाने का इंतजाम नहीं हो पाया था। उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। जैसे-तैसे कर परिवार के लोगों ने पैसे का प्रबंध किया। इसके बाद शाम को निजी वाहन से जिला अस्पताल बहराइच लेकर पहुंचे। यहां इलाज तो शुरू हुआ, लेकिन तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी। देर शाम इलाज के दौरान मातादीन की मौत हो गई। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। हर कोई व्यवस्था को कोसते नजर आया।